लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड द्वारा पिछले दिनों 27 वक्फों से हटाये गये मुतवल्लियों में से सिर्फ़ तीन वक्फ के मुतवल्ली मौलाना कल्बे जवाद व दो अन्य उनके सहयोगी मुतवल्ली औक़ाफ़ रामपुर व वक्फ तालकटोरा चार्ज न देने की बात कह कर अपने हित में बच्चों व कुछ औरतों से प्रदर्शन करवा रहे हैं क्योंकि मौलाना कल्बे जवाद के पास वक्फ सज्जादिया में वसूल किये गये करोड़ों रूपये का कोई हिसाब मौजूद नहीं है। वक्फ का पैसा ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से ख़र्च कर दिया गया है और वक्फ इमामबाड़े की ज़मीन पर अवैध बहुमंजि़ली इमारतें बनवा कर लम्बी कीमत वसूल की गयी है, बोर्ड द्वारा इसकी जांच करायी जा रही है। मौलाना के सहयोगी करबला तालकटोरे के पूर्व मुतवल्ली के विरूद्ध वक्फ़ में खुर्दबुर्द के क्रम में जांच के बाद मुक़दमा पंजीकृत कराया जा चुका है। बोर्ड द्वारा किसी मुतवल्ली को नियुक्त किया जाता है तो उसे बनाये रखने या उसे हटाये जाने का अधिकार बोर्ड का होता है। अगर किसी मुतवल्ली को बोर्ड उसके पद से हटाता है तो ईमानदार मुतवल्ली तत्काल चार्ज छोड़ देते हैं, जबकि बेईमान मुतवल्ली हटने के बाद वक्फ पर अवैध रूप से क़ब्ज़ा जमाने की कोशिश करते हैं, जो क़ब्ज़ा अपराध की श्रेणी में आता है और ग़ैर इस्लामिक भी है। बोर्ड ऐसे भ्रष्ट मुतवल्लियों के विरूद्ध वक्फ सम्पत्ति व उसकी आय पर अवैध क़ब्ज़ा करने के क्रम में मुक़दमा पंजीकृत करा सकता है। बोर्ड किसी भ्रष्ट मुतवल्ली द्वारा कराये जा रहे धरने व प्रदर्शन के दबाव में आने वाला नहीं है। मौलाना कल्बे जवाद हमेशा अपने निजी स्वार्थ के चलते धार्मिक उन्माद फैला कर शहर की शांति भंग करते रहे हैं। मौलाना कल्बे जवाद शिया नौजवान लड़कों को गुमराह करके उन्हें तालिबानी प्रशिक्षण दे रहे हैं, जो हिन्दुस्तान की शांति के हित में नहीं है।