नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर एक सुंरग मिली है। जम्मू क्षेत्र के सांबा सेक्टर के रेहाल गांव में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की संयुक्त टीम ने एक ताजा सुरंग का पता लगाया है। इस सुरंग के निर्माण और इसके जरिये हाल ही में नागरोटा मुठभेड़ में मारे गये जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों को घुसपैठ कराने में पाकिस्तान की भूमिका का भी पर्दाफाश हुआ है।सर्च ऑपरेशन के दौरान इस सुरंग का पता चला है।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने सुरंग स्थल के पास संवाददाताओं से कहा कि गत शुक्रवार को नागरोटा मुठभेड़ में चार पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने तथा उनके पास से भारी मात्रा में हथियार एवं गोला बारूद बरामद होने के बाद यह सवाल उठ रहे था कि आतंकवादियों ने किस रास्ते घुसपैठ की और वे कैसे राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंचे। करीब 150 मीटर लंबी इस सुरंग को रेत के बैग और लकड़ियों से छिपाया गया था।

डीजीपी ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर सीमावर्ती इलाकों में तलाश अभियान शुरू किया गया। इसी दौरान इस नवनिर्मित सुरंग का पता चला जो पाकिस्तान से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित है। उन्होंने बताया कि सुरंग का मुंह पाकिस्तान की ओर खुलता है तथा ऐसा लगता है कि आतंकवादियों ने घुसपैठ करने के लिए इसी सुरंग का इस्तेमाल किया होगा।

इसबीच बीएसएफ जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक एन एस जामवाल ने कहा कि आतंकवादियों ने घुसपैठ के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि नागरोटा मुठभेड़ में मारे गये आतंकवादियों ने 30 से 40 मीटर लंबे इस सुरंग का इस्तेमाल किया क्योंकि यह बिल्कुल ताजा निर्मित है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि उनके साथ एक गाइड भी था जो राजमार्ग का रास्ता दिखाने तक उनके साथ था। इस मौके पर जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह भी मौजूद थे।

बता दें कि 19 नवंबर की सुबह जम्मू के नगरोटा में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान चार पाकिस्तानी आतंकियों को ट्रक में ही मौत के घाट उतार दिया था। यह आतंकी जम्मू के सांबा इलाके के उस पार पाकिस्तान के शकरगढ़ इलाके से घुसपैठ कर जम्मू की सीमा में दाखिल हुए थे। आतंकियों के पास से मोबाइल फोन, जीपीएस, वायरलेस सेट बरामद हुआ था।