उत्तर प्रदेश पुस्तकालय संघ एवं रामेश्वरम इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय सार्वजनिक एवं शैक्षणिक पुस्तकालयों के विकास में उत्तर प्रदेश पुस्तकालय अधिनियम की भूमिका विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. नीरज बोरा, विधायक (लखनऊ उत्तर) एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. एम पी सिंह, मुख्य वक्ता डॉ. मनीष बाजपेयी और कार्यक्रम संयोजक विनोद कुमार मिश्र रहे।

डॉ. नीरज बोरा ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है, देश में बौद्धिक संपदा नष्ट करने के लिए हजारों आक्रमण हुए लेकिन इसकी ज्ञान परंपरा के कारण हम आज भी इसे बचा पाए हैं जिसमें पुस्तकालय और संग्रहालय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

कार्यक्रम सचिव विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि शिक्षा के प्रचार प्रसार हेतु पुस्तकालय अधिनियम में दी गयी व्यवस्था के अनुसार ग्राम स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर सार्वजनिक पुस्तकालय के स्थापना की अनिवार्यता की मांग की गयी। प्रदेश के सभी विभागों के रिक्त पदों के भरने की भी मांग की गई। राज्य सरकार द्वारा स्थापित माध्यमिक शिक्षा के अधीन पुस्तकालय कोष्ठक में पुस्तकालय विज्ञानी ओएसडी के नियुक्त की मांग की गयी।

कॉन्फ्रेंस में प्रदेश में पुस्तकालय अधिनियम पूर्णतया लागू करने की माँग की गयी। जिसमें डॉ. नीरज बोरा ने आश्वासन दिया है कि यह विषय गम्भीर है, उच्च शिक्षा मंत्री से शीघ्र ही भेंट कर सभी पहलुओं पर विमर्श करेंगे।

कार्यक्रम का संचालन कुँवर अभिषेक प्रताप सिंह ने किया। कार्यक्रम समिति में उमेश रस्तोगी, हिमांशु अंचल आदि उपस्थित रहे।

उ.प्र. पुस्तकालय संघ के लखनऊ शाखा के आम चुनाव हेतु तदर्थ समिति का गठन सर्वसम्मति से किया गया। जिसमें प्रो. एमपी सिंह को तदर्थ समिति का अध्यक्ष तथा विनोद कुमार मिश्र, शिक्षा अधिकारी को समन्वयक चुना गया। डॉ. प्रवीश प्रकाश, डॉ. उमेश प्रसाद, डॉ. मनीष बाजपेयी, गिरीश चन्द्र, कुँवर अभिषेक प्रताप सिंह को चुना गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से लखनऊ सहित अन्य शहरों के लाइब्रेरियन, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। जिसमें डॉ. विष्णु श्रीवास्तव, विद्या निवास मिश्र, डीएम पाण्डेय, अफरोज आलम, राजेन्द्र शंकर मिश्र, प्रदीप सेन, अंकुल वर्मा, अजय सिंह यादव, ब्रजेश कुमार प्रमुख रहें।