लखनऊ ब्यूरो
लखनऊ में चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ़ कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव समय पर ही होंगे। साथ में यह भी साफ किया गया कि आखिरी मतदाता सूची 5 जनवरी को आएगी, इसका मतलब यह हुआ कि इसके बाद ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा.

आयोग के मुताबिक आगामी विधानसभा चुनाव में कोरोना को लेकर दिव्यांग और 80 साल के ऊपर के लोगों को घर से ही मतदान की सुविधा मिलेगी.

चुनाव आयोग की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सभी दल समय पर ही चुनाव चाहते हैं, पार्टियों का मानना है कि ओमिक्रॉन की वजह चुनाव नहीं टलना चाहिए.

इसके अलावा रैलियों की संख्या सीमित रखने पर राजनीतिक दल सहमत हैं. इतना ही नहीं राजनीतिक दलों ने मांग की है कि कोरोना को देखते हुए दिव्यांग और 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों को घर में ही मतदान की सुविधा मिलनी चाहिए.

कोरोना को लेकर मतदान केंद्र पर भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए चुनाव आयोग ने बताया कि करीब 11 हजार पोलिंग बूथ बढ़ाए जाएंगे. एक बूथ पर जहां पहले 1500 वोटर हुआ करते थे अब वहां सिर्फ 1200 लोगों की वोटिंग की व्यवस्था होगी.

देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में नए वोटरों की संख्या में तीन गुने की बढ़ोतरी हुई है. 18-19 साल के युवा वोटरों में हजार पुरुष मतदाता पर 839 महिलाओं का अनुपात था जो बढ़कर अब 868 तक पहुंच चुका है.

चुनाव आयोग ने कहा कि पांच जनवरी तक अपडेटेड मतदाता सूची बनाई जाएगी. हालांकि इसके बाद नामांकन के आखिरी दिन तक अतिरिक्त सूची भी बनेगी ताकि कोई भी व्यस्क छूट ना जाए. इसका मतलब है कि चुनावों की तारीखों का ऐलान भी 5 जनवरी के बाद ही होगा.

यूपी विधानसभा चुनाव में ठंड के मौसम को देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदान के समय को बढ़ा दिया है. मतदाता सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक वोटिंग कर सकेंगे.

इसबार विधानसभा चुनाव में पूरे राज्य में 400 मॉडल पोलिंग बूथ पनाएंगे. हर क्षेत्र में एक आदर्श पोलिंग बूथ होगा जो हर सुविधा से लैस होगा। यूपी चुनाव में महिलाओं के लिए 800 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे जहां महिलाएं आराम से मतदान कर पाएंगी.

यूपी के सभी बूथों पर सिर्फ ईवीएम के जरिए ही वोटिंग होगी. यूपी चुनाव में पूरी तरह से कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा. इसके लिए सभी मतदान बूथों पर व्यवस्था की जाएगी.

चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि कोरोना काल में उनका मुख्य मकसद स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रलोभन मुक्त और सुरक्षित चुनाव कराना है.