नई दिल्ली:
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि भारत फिलिस्तीन के “संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य” राज्य की स्थापना के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन में विश्वास करता है। उन्होंने कहा, “हमारी नीति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है। भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की है, जो सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर, इजरायल के साथ शांति से रह सके।”

7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी समूह हमास द्वारा इजरायल पर रॉकेट हमले किए जाने के बाद फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की ओर से दिया गया यह पहला बयान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बार इजराइल-हमास युद्ध के बारे में बात की है, दोनों बार हमास द्वारा इजराइल पर “आतंकवादी हमले” की निंदा की है। सोमवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें इजराइल और हमास के बीच संघर्ष के बारे में जानकारी दी। उन्होंने “इस कठिन घड़ी” के दौरान इजराइल के लिए समर्थन व्यक्त किया था।

इजराइल और गाजा में मानवीय स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है। उन्होंने कहा, “आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खतरे से लड़ने की भी जिम्मेदारी है।”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘ऑपरेशन अजय’ के तहत भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए इजरायल से पहली उड़ान आज भारत में उतरेगी। बागची ने कहा कि भारत ने इजराइल में अपने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे चार्टर्ड उड़ानों की व्यवस्था के लिए सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए अपने दूतावास से संपर्क करें।