नई दिल्ली: डॉक्टरों और एलोपैथी को बुरा भला कहने वाले योग गुरु बाबा रामदेव को आज केंद्र सरकार ने जमकर फटकार लगाई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एलोपैथी दवाओं को लेकर दिए गए विवाद खड़ा करने वाले बयान पर बाबा रामदेव को पत्र लिखा है और उन्होंने कहा है कि पूरे देशवासियों के लिए कोरोना के खिलाफ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं. इस संबंध में उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है. ध्यान रहे कि बाबा रामदेव ने मेडिकल डॉक्टरों को हत्यारा तक कहा था. IMA ने उनके खिलाफ मुक़दमा चलाने की मांग की है.

स्पष्टीकरण नाकाफी
स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र लिखते हुए कहा, ‘एलोपैथिक दवाओं और डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हुए हैं. लोगों की इस भावना से मैं आपको फोन पर पहले ही अवगत करा चुका हूं. शनिवार को जो आपने स्पष्टीकरण जारी किया है, वह लोगों की चोटिल भावनाओं पर मरहम लगाने में नाकाफी है. कोरोना महामारी के इस संकट भरे दौर में जब एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोडों लोगों को नया जीवन दान दिया है, आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों कोरोना मरीज की मौत एलोपैथी दवा खाने से हुई है. .’

एलोपैथी चिकित्सा को तमाशा बताना दुर्भाग्यपूर्ण
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे पत्र में लिखा, ‘आपके (बाबा रामदेव) द्वारा कोरोना के इलाज में एलोपैथी चिकित्सा को तमाशा, बेकार और दिवालिया बताना दुर्भाग्यपूर्ण है. आज लाखों लोग कोरोना से ठीक होकर घर जा रहे हैं. आज अगर देश में कोरोना से मृत्यु दर सिर्फ 1.13 फीसदी और रिकवरी रेट 88 फीसदी से अधिक है तो उसके पीछे एलोपैथी और उसके डॉक्टरों का अहम योगदान है. इलाज के मौजूदा तरीकों को तमाशा बताना न सिर्फ एलोपैथी बल्कि उनके डॉक्टरों के मनोबल को तोड़ने और कोरोना महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने वाला साबित हो सकता है. मैं आपके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को पर्याप्त नहीं मानता.’