नई दिल्ली: कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में हंगामा करने वाले आठ सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उपसभापति के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को भी उन्होंने खारिज कर दिया है।

यह लोग हुए निलंबित
राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि डेरेक ओ’ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, के.के. रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलामरम करीम को एक सप्ताह के लिए सदन से निलंबित किया जाता है।

हंगामे से वेंकैया दुःखी
राज्यसभा के सभापति ने कल की घटना पर कहा कि राज्यसभा के लिए यह सबसे खराब दिन था। कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका। माइक को तोड़ दिया। रूल बुक को फेंका गया। इस घटना से मैं बेहद दुखी हूं। उपसभापति को धमकी दी गई। उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई।

कृषि बिलों का विपक्ष ने किया था विरोध
विपक्षी दलों के हंगामे के बीच राज्यसभा ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी। लोकसभा में इन दोनों विधेयकों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

उपसभापति पर सदन के नियमों की अनदेखी का आरोप
वहीं विपक्ष का आरोप है कि उपसभापति ने सदन के नियमों की अनदेखी की। उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के 12 दलों ने रविवार को राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। हालांकि सभापति ने इसे खारिज कर दिया। विपक्ष के सांसदों का आरोप है कि उपसभापति ने सदन का कामकाज रोकने के विपक्ष के अनुरोध की अनदेखी की और सदन में दो कृषि विधेयकों को पारित कर दिया गया। उपसभापति के खिलाफ नोटिस देने वाली पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, एनसीपी, आरजेडी, डीएमके, आम आदमी पार्टी शामिल हैं।