नई दिल्ली: गालवान घाटी में चीन की सेना ने भारतीय क्षेत्र में 423 मीटर अंदर तक घुसपैठ की है| NDTV की खबर के मुताबिक 25 जून की हाई रिजोल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों में भारतीय क्षेत्र के इस 423 मीटर के इलाके में चीन के 16 टेंट, तिरपाल, एक बड़ा शेल्टर और कम से कम 14 गाड़ियां नजर आ रही हैं. 1960 के चीनी दावे में बीजिंग के इस क्षेत्र में अपनी सीमा होने का सटीक अक्षांश और देशांतर सहित ‘भारत के अधिकारियों की रिपोर्ट’ और सीमा के प्रश्न पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का उल्लेख किया गया है.’

1960-61 में विदेश मंत्रालय द्वारा पब्ल‍िश किए गए डॉक्यूमेंट्स में दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत के दौरान भारत द्वारा पूछे गए सवाल और उनपर चीन के जवाब दर्ज हैं. कुछ चोटियों की ऊंचाई और विशिष्ट दर्रों के लोकेशन को लेकर एक भारतीय सवाल के जवाब में, चीनी पक्ष ने अपने दावे के लिए विशिष्ट कोऑर्डिनेट्स की एक श्रृंखला सूचीबद्ध की, जिसमें गालवान नदी क्षेत्र भी शामिल है. इसके अनुसार, ”अलाइनमेंट के बाद दो चोटियों के ऊपर से गुजरने के बाद, यह पर्वत के साथ दक्षिण में इसने लॉन्गीट्यूट 78° 13′ पूर्व, लैटिट्यूट 34° 46′ उत्तर में गलवान नदी को पार किया.

गूगल अर्थ प्रो पर अगर इन कोऑर्डिनेट्स को देखें तो इसकी गलवान घाटी में इस रेखा की सटीक जगह को आसानी से देखा जा सकता है. इन कोऑर्डिनेट्स के ठीक उत्तर का इलाका भारतीय क्षेत्र होना चाहिए. लेकिन जैसा कि सैटेलाइट तस्वीरें बता रही हैं कि यहां स्पष्ट रूप से घुसपैठ हुई है. गूगल अर्थ प्रो में मौजूद मेजरमेंट टूल इशारा करते हैं कि चीनी गलवान नदी के तट के साथ और अपनी खुद की क्लेम लाइन के उत्तर में 423 मीटर भारतीय क्षेत्र में हैं.

पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव कहती हैं, ”वे अतिवादी रुख अपना रहे हैं. वे दावा रेखा की अपनी परिभाषा से बहुत आगे जा रहे हैं जैसा कि आधिकारिक वार्ता में हमें अवगत कराया गया था.” अपने कार्यकाल के दौरान निरुपमा राव की भारत-चीन सीमा वार्ता में प्रमुख भूमिका थी.