“इन स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसेट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25” की घोषणा
लखनऊ। भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन स्पेस) ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई), डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर के “इन स्पेस मॉडल रॉकेट्री/कैनसेट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25” की घोषणा की है। इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता का आयोजन 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में तमकुहीराज स्थित नारायणी नदी के तट पर आयोजित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को मॉडल रॉकेट के डिजाइन, विकास और लॉन्च का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है। इसमें छात्रों को ऐसे मॉडल रॉकेट तैयार करने होंगे जो परिभाषित मिशन उद्देश्यों को पूरा करते हुए एक किलोग्राम के कैनसेट (एक प्रकार का छोटा सैटेलाइट) को 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक तैनात कर सकें। यह छालों को वास्तविक दुनिया के अंतरिक्ष मिशन का अनुकरण (सिम्युलेट) करने का अवसर देगा और भारत की अगली पीढ़ी के अंतरिक्ष कौशल को तैयार करने में योगदान देगा।
इस राष्ट्रीय आयोजन के लिए देश भर के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों से कुल 71 छात्र टीमों ने योग्यता प्राप्त की है, जिसमें लगभग 600 छात्र और 120 फैकल्टी सदस्य और मेंटर शामिल है। इनमें 36 टीमें कैनसेट श्रेणी में और 35 टीमें मॉडल रॉकेट्री श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करेंगी। 73,000 छात्नों तक पहुंचा जागरूकता अभियान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव श्री पंधारी यादव ने इस आयोजन पर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की एवं कहा कि, “उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। कुशीनगर में आयोजित यह रॉकेट्री एवं कैनसेट प्रतियोगिता छानो के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी और उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान के वास्तविक प्रयोगों से जोड़ने का अद्भुत अवसर प्रदान करेगी। इस आयोजन से प्रदेश के युवाओं में नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप भावना को नई दिशा मिलेगी।” उन्होंने आगे कहा कि, “इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ प्रदेश में STEM शिक्षा (Science, Technology, Engineering, Astronomy and Mathematics) को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। ” अंतरिक्ष जागरुकता और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्रतियोगिता के मिशन उद्देश्यों में एक मॉडल रकिट और एक किलोग्राम पेलोड वाले कैनसेट का डिजाइन, विकास और एक किलोमीटर की ऊंचाई तक प्रक्षेपण शामिल है, जिसके बाद सुरक्षित पेलोड इजेक्शन, रिकवरी और लैंडिंग होगी। इन चुनौतियों के माध्यम से, छात्रों को रकिट्री, पेलोड डिजाइन और मिशन प्रबंधन के साथ-साथ टीमवर्क, परियोजना समन्वय और समस्या समाधान जैसे प्रमुख सॉफ्ट स्किल्स का भी अनुभव मिलता है। मॉडल रॉकेट्री/कैनसेट इंडिया स्टूडेंट कंप्टीशन 2024-25 अंतरिक्ष शिक्षा और क्षेल में नवाचार को बढ़ावा देने के इन स्पेस के चल रहे प्रयासों में एक और कदम है, जो 2033 तक 44 बिलियन डॉलर की आत्मनिर्भर अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के निर्माण के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।–








