लखनऊः
लखनऊ सुपर जायंट्स और गुजरात टाइटंस का मैच इस बात का सबसे जीता-जागता उदाहरण है कि जीती हुई बाज़ी कैसे पलटती है. वो मैच जहां 15वें ओवर तक जो लखनऊ आसान जीत की ओर बढ़ रही थी, उसने बिल्कुल आखिरी ओवर में ये मुकाबला गंवा दिया. मोहित शर्मा के सनसनीखेज 20वें ओवर के दम पर गुजरात ने हारा हुआ मैच 7 रन से जीत लिया.

क्‍या रोमांचक मैच रहा है यह गुजरात टाइटंस के लिहाज से। एक समय एक विकेट ही गिरा था लखनऊ जायंट्स का और जीत के करीब थी, लेकिन विकेट बहुत ही धीमा होता चला गया और यहां पर केएल राहुल ने भी स्‍ट्राइक नहीं बदलने की गलती की, जिसकी वजह से आवश्‍यक रन रेट लगातार बढ़ता चला गया। आखिरकार सात रनों से गुजरात टाइटंस मैच जीतने में कामयाब रही। दो कैच जरूर छूटे लेकिन जीत गुजरात के नसीब में थी।

लखनऊ के कप्‍तान केएल राहुल ने कहा कि मुझे विश्‍वास नहीं हो रहा है कि पता नहीं कैसे यह हो गया। यह क्रिकेट है जो आपको बताता है कि आखिरी गेंद से पहले तक मैच नहीं जीता जाता है। हम दो अंक गंवा दिए हैं। हमने बहुत अच्‍छी गेंदबाजी की थी। 135 रन पार स्‍कोर था, हमने बल्‍ले से भी अच्‍छी शुरुआत की लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि यह कैसे हो गया है लेकिन स्‍वीकार करता हूं कि यह खेल है और इसमें ऐसा हो सकता है। सात मैच में आठ अंक हमारे हैं और यह एक टीम के तौर पर हमारे लिए अच्‍छा है। कई बार आप गलत रास्‍ते पर होते हो और इस बार ऐसा हुआ। अंत तक खड़े रहने पर हम बहुत आगे थे मैच में, मैं अंत तक बल्‍लेबाजी करना चाहता था, शॉट लगाना चाहता था, लेकिन उन्‍होंने दो से तीन ओवर के बीच जब नूर अहमद और जयंत गेंदबाजी कर रहे थे तो उन्‍होंने अच्‍छा किया, यह विकेट भी बल्‍लेबाजी के लिए मुश्किल था। एक सेट बल्‍लेबाज के तौर पर मैं कुछ और हिट लगा सकता था।

वहीँ विनिंग कप्तान हार्दिक पंड्या ने हम जिस तरह से कुछ मैच हारे थे, तो गेंद यही सोच रही थी कि चलिए इस बार मैं आपके हाथ से मैच नहीं जाने दूंगी। हम चैंपियन टीम है, तो मैं अपने लड़कों से यही कहता हूं कि किसी बात का शिकवा मत रखना। हमने जिस तरह से विकेट लिया तो पूरा स्प्रिट बदल गई, ममेंट बदल गए। यह बड़ा टूर्नामेंट है और इस तरह का प्रदर्शन करना होगा। जहां तक बल्‍लेबाजी की बात है तो जिस तरह से विकेट चल रहा था तो हमें 10 रन और अधिक बनाने चाहिए थे। उन्‍होंने गेंदबाजी अच्‍छी की, कई बल्‍लेबाजों को रिदम नहीं मिल पाया। स्‍ट्रैटेजिक टाइम में हमने यही बात की कि हमें लंबा खेलना है। हम 10 से 15 रन बना सकते थे लेकिन यह चुनौतीपूर्ण स्‍कोर था। जब 30 गेंद में 30 रन थे तो मैं सोच रहा था कि वो आगे हैं, हमने इसके बाद दबाव बनाया और जब 18 पर 24 रन चाहिए थे तो मेरे मन में आया कि अब हम मैच में आ चुके हैं यहां से हारना नहीं चाहिए। हर गेंदबाज ने योगदान दिया और एक कप्‍तान के तौर पर मैं कुछ नहीं सोच सकता था। मोहित की जितनी तारीफ की जाए वह कम है उसने मेरा आसान काम कर दिया। शमी ने भी अपना अनुभव दिखाया। तो जीत का श्रेय तो शमी और मोहित को जाता है। जयंत और नूर को भी श्रेय जाता है जिन्‍होंने काफी अच्‍छी गेंदबाजी की।