वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए सरकार की क्षमता बढ़ाने संबंघि एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।

सीएनएन के अनुसार, आदेश पर हस्ताक्षर करने से पहले ओवल कार्यालय से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि ये बोलने की आजादी को बनाए रखने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। यही नहीं, ट्रंप ने इसे अमेरिकी इतिहास में सामने आए सबसे गंभीर खतरों में से एक बताया है। मालूम हो, ये आदेश तब सामने आया है, जब हाल ही में ट्रंप के ट्वीट को ट्विटर ने संभावित रूप से भ्रामक करार दिया था।

ऐसे में व्हाइट हाउस के अधिकार क्षेत्र और सीमाओं को इस नए कार्यकारी आदेश में परिभाषित किया गया है। यह आदेश तकनीकी कंपनियों के साथ सोशल मीडिया पर फैल रही गलत सूचनाओं की बढ़ती समस्या को चिह्नित करके उसे निदान के लिए प्रशासकीय क्षमताओं को आगे बढ़ाता है। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने स्वीकार किया कि आदेश के सामने कई कानूनी चुनौतियां हैं, लेकिन उन्हें यकीन है कि वे मुकदमा करेंगे।

ओवल कार्यालय से ट्रंप ने कहा, ‘इस आदेश को सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा कोर्ट में चुनौती दी जा रही है, क्या ऐसा नहीं है? लेकिन मुझे लगता है कि हम बहुत अच्छा करने जा रहे हैं।’

हालांकि, यह आदेश वाणिज्य विभाग के भीतर एक एजेंसी को निर्देशित करेगा कि वह धारा 230 के दायरे को स्पष्ट करने के लिए संघीय संचार आयोग (एफसीसी) के पास एक याचिका दायर करे। इस प्रस्ताव की पहले ही आयोग के डेमोक्रेटिक सदस्यों की ओर से आलोचना की जा चुकी है। आदेश का एक

अन्य भाग संघीय एजेंसियों को सोशल मीडिया विज्ञापन पर उनके खर्च की समीक्षा करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।