लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में परस्पर अविश्वास का वातावरण है, जिसका असर अखिलेश सरकार के काम काज पर दिख रहा है। पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि परस्पर अविश्वास के संकट से जूझ रहे सपाई एक दूसरे की निगरानी में व्यस्त है। जब मुखिया ही सुरक्षित नहीं है, तो बाकी का क्या होगा ?

मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव के कथन पर की पार्टी के कुछ नेता मुझ पर नजर रखते है पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य ईकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा जब सपाई अपने मुखिया तक की निगरानी कर करा रहे है, तो विपक्ष से लगाये सत्ता पक्ष के अन्य नेताओं की भी निगरानी कर और करा रहे होगे। सपा मुखिया को पता भी है कि कौन लोग सीआईडी का काम कर रहे है। फिर में उन पर कार्यवाही क्यों नहीं करते क्यांेकि वे खुद कह रहे है कि इन नेताओं ने बहुत नुकसान किया है। स्वाभाविक है जिन नेताओं से दल को नुकसान होता है उन पर कार्यवाही होनी चाहिए।

उन्होनंे कहा कि चापलूस सपा का बंटाधार कर रहे है, तो इन चापलूसों को प्रश्य भी तो उन्ही बडे़ सपाईयों ने दिया जो निर्णायक स्थिति में है। सपा मुखिया सार्वजनिक मंच से अनुशासहीनता की पार्टी होने का तमगा देते हुए राज्य ईकाई की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते है तो स्पष्ट है कि प्रदेश अध्यक्ष के नाते अखिलेश यादव भी पार्टी में अनुशासन कायम कर पाने में असफल साबित हो रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री की कार्यशैली के लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा अखिलेश यादव न तो अध्यक्ष के रूप में सफल साबित हो पा रहे है और न ही मुख्यमंत्री के रूप में। क्योंकि लगातार मंत्रियों की कार्यशैली को लेकर भी सपा प्रमुख ने सवाल खड़े करते हुए इशारा किया है कि मुख्यमंत्री कार्यवाही करें।

श्री पाठक ने कहा कि सत्तारूढ़ दल में जारी सत्ता संघर्ष का असर राज्य सरकार के काम-काज पर भी पड़ रहा है। राहत की घोषणाओं पर जनता विश्वास, नहीं कर पा रही है, सरकार एक तरफ दावे कर रही हैं कि तीन दिन में मुआवजा बांट दिया जाये, दूसरी तरफ किसान दम तोड़ रहा है।