नई दिल्ली: मोदी सरकार की अगुवाई में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ मार्च किया गया । विपक्षी दलों का पैदल मार्च मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर है।

इस मार्च की अगुवाई सोनिया गांधी ने की जिसमें 11 विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए । यह मार्च संसद भवन से शुरू होकर राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा । इस पैदल मार्च में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, अंबिका सोनी, जेडीयू नेता शरद यादव सहित कई नेता शामिल हुए।  कांग्रेस का आरोप है कि यह बिल किसानों के खिलाफ है और बीजेपी किसान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने इस बिल को किसान विरोधी बताया है। राष्ट्रपति भवन पहुंचकर नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

इस प्रदर्शन में कांग्रेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है जिसमें उस ज्ञापन को अंतिम रूप देना शामिल है जिसे  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंपा गया । गौर हो कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस विरोध में सड़कों पर उतर चुकी है और इस लड़ाई को लंबा खींचने के लिए तैयार है। इससे पहले सोमवार को भी कांग्रेसी नेताओं ने सरकार के खिलाफ सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया था।

दूसरी तरफ सरकार की मंशा है कि भूमि विधेयक को राज्यसभा में लाने से पहले विपक्ष के साथ एक और दौर की बातचीत की जाए क्योंकि कांग्रेस एवं विपक्ष सहित कई राजनीतिक दलों ने इस विधेयक के खिलाफ विरोध तेज कर दिया है। भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजे का अधिकार तथा पारदर्शिता, पुनर्वास एवं पुनर्स्‍थापन (संशोधन) विधेयक 2015 को लोकसभा में नौ संशोधनों के साथ 24 फरवरी को पारित किया था। उच्च सदन में इस विधेयक को कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है तथा अधिकतर विपक्षी दलों ने पहले ही यह घोषणा कर दी है कि वे इसका भारी विरोध करेंगे।