बगदाद: इराक के बगदाद एयरपोर्ट पर गुरुवार देर रात अमेरिकी ड्रोन्स ने रॉकेट से हमला कर दिया। इसमें ईरान की इलीट कुद्स सेना के प्रमुख जनरल कसीम सोलेमानी और इराक के ईरान समर्थित संगठन- पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स (पीएमएफ) के कमांडर अबु महदी अल-मुहंदिस सहित 8 लोगों की मौत हो गई। वहीं अब अमेरिकी रक्षा विभाग ने भी इस घटना की पुष्टि कर दी है। कासिम ईरान की जिस विशेष सेना रेवोल्यूशनरी गार्ड की कुद्स फोर्स के प्रमुख थे वह अमेरिका के लिए आतंकी संगठन है। अमेरिकी ने इसे अपने सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए उठाया गया कदम बताया है। जबकि ईरान ने अमेरिका के इस हमले पर बेहद तल्‍ख प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवाद है।

अमरीकी रक्षा विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमेरिकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए कासिम सोलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है। अमरीका ने कासिम को आतंकवादी घोषित कर रखा था।

इस बयान में दावा किया गया है कि सोलेमानी बीते 27 दिसंबर सहित कई महीनों से इराक के अमरीकी सैन्य ठिकानों पर हमलों को अंजाम देने में शामिल रहे हैं। साथ ही बीते सप्ताह अमरीकी दूतावास पर हुए हमले को भी उन्होंने अपनी मंजूरी दी थी। बयान में आगे कहा गया कि यह एयरस्ट्राइक भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के उद्देश्य से किया गया। अमेरिका चाहे जहां भी हो अपने नागरिकों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कार्रवाई को करना जारी रखेगा।

बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयरस्ट्राइक के लिए पीएमएफ ने अमेरिका पर निशाना साधा है। एक वरिष्ठ इराकी राजनेता और एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस से पुष्टि की कि इलाइट कुड्स फोर्स के हेड ईरानी मेजर जनरल कासिम सोलेमानी, इराकी मिलिशिया कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस समेत आठ लोगों की मौत हो गई है।

इस घटना के बाद माना जा रहा है कि अमेरिकी एयर स्ट्राइक से मध्य पूर्व में एक नया मोड़ आ गया है, और ईरान और सैन्य बलों द्वारा इजरायल और अमेरिकी हितों के खिलाफ मध्य पूर्व में गंभीर जवाबी कार्रवाई करने की उम्मीद है।

ईरान ने अमेरिका के इस हमले पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवाद है। जनरल सोलेमानी उस कुर्दिश सैन्‍य बल के प्रमुख थे जो आइएस, अल नुसरा, अल कायदा के खिलाफ प्रभावी लड़ाई लड़ रहा था। इस हमले के लिए अमेरिका जिम्‍मेदार है। अमेरिका की यह मूर्खतापूर्ण और घातक कार्रवाई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सुलेमानी के मारे जाने के ठीक बाद अमेरिका का झंडा ट्वीट किया है। माना जा रहा है कि ट्रंप ने इसके जरिए संदेश देने की कोशिश की है। बिना कुछ लिखावट वाले इस ट्वीट में सिर्फ अमेरिका का झंडा दिख रहा है। पिछले साल से ही ईरान और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है। अमेरिका ने ईरान पर कई पाबंदियां लगा रखी हैं।

पीएमएफ शिया लड़ाकों का एक गुट है। यह आधिकारिक रूप से इराकी सुरक्षाबलों में शामिल हैं। रॉकेट हमले में मारे गए मुहांदिस इस संगठन के उप प्रमुख थे। इराक में अमेरिकी सेना के विरूद्ध जाने के लिए ट्रम्प प्रशासन ने उन्हें ब्लैकलिस्ट किया था।

गौरतलब है कि ईरान और इराक की सेना से जुड़े लोगों पर यह हमला अमेरिकी दूतावास पर ईरान समर्थित भीड़ के हमले के दो दिन बाद हुआ है। 31 दिसंबर को ईरान समर्थित कुछ प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के गेट तोड़ दिए थे और बाहर आग लगा दी थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि ईरान को अमेरिकियों के जान-माल के नुकसान के लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी।