लखनऊ: भारत में बढ़ती हुई माब लिंचिंग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सख्त कानून के बनाने के आश्वासन के बाद आज मौलाना कलबे जवाद नकवी के आवास पर ओलमा की एक बैठक आयोजित हुई। ओलमा ने सर्वसम्मति से कहा कि अब हमें गृह मंत्री अमित शाह के वादे पर विश्वास करते हुए, माब लिंचिंग के मुद्दे पर सरकार द्वारा बनाए जाने वाले कानून का इंतजार करना चाहिए।

पता रहे कि मौलाना कलबे जवाद ने सुन्नी सूफी ओलमा के साथ 23 जुलाई को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में गृह मंत्री ने आश्वासन दिया था कि सरकार माब लिंचिंग पर कड़ा कानून बनाने के बारे में गंभीर हैं, इस लिये अभी लाइसेंस भरने के प्रोग्राम को गृह मंत्री के वादे पर भरोसा करते हुए स्थगित कर दिया गया है। ओलमा ने कहा कि हमें अभी माब लिंचिंग पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के वादे पर भरोसा करना चाहिए। मौलाना कलबे जवाद नकवी ने कहा कि बैठक के दौरान, गृह मंत्री ने कहा कि हिंदुओं के साथ भी माब लिंचिंग की घटनाएं हुई है, इसलिए मौलाना ने कहा कि अगर सरकार ने अपना वादा पुरा नही किया तो हम हिंदुओं के साथ साथ अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों को साथ मिला कर माब लिंचिंग के खिलाफ ठौस कदम उठाऐंगे।

ओलमा ने उन टीवी चैनलों की भी कड़ी निंदा की, जिन्होंने शांतिपूर्ण और कानूनी कार्यक्रम के खिलाफ नकारात्मक प्रचार किया। भारतीय संविधान के अनुसार मिले हुउ अधिकारों और शांतिपूर्ण कार्यक्रम के खिलाफ झूठा प्रचार किया गया कि वहॉ अन्य धर्म के खिलाफ हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, इन टीवी चैनलों ने पुरी कोशिश की के भारत में दंगे फेल जायें लेकिन शांतिपूर्ण हिंदुओं और मुसलमानों की बुनियाद पर ऐसा नहीं हुआ। हम सरकार से मांग करते हैं कि जो टीवी चैनल बाहरी देशों के अनुदान से चल रहे है और भारत का शांतिपूर्ण माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे है उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।