लखनऊ: आम चुनाव से पहले आर्थिक मुद्दे पर सरकार और बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी होती जा रही हैं। लगातार बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमत से सरकार घिरी हुई है। जीएसटी और महंगाई से कारोबारियों से लेकर आम लोग खफा हैं। चौतरफा घिरती जा रही मोदी सरकार में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोगों खुश और विपक्षियों को झटका देने के लिए एक नायाब तरीका खोज निकाला है।

सीधा जनता की नाराजगी झेल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली की नजरें अब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के गढ़ पर हैं। जेटली ने तय किया है कि वह अपनी सांसद विकास निधि को रायबरेली पर खर्च करेंगे।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अरुण जेटली के प्रतिनिध और यूपी बीजेपी के प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने बताया, “करीब एक महीने पहले जेटली ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद होने के नाते रायबरेली को चुना। गांधी परिवार की विरासत होने के बाद रायबरेली पिछड़ा हुआ है। यहां से आने वाली मांगों के चलते जेटली ने रायबरेली को विकसित करने के लिए चुना।”

पार्टी प्रवक्त बाजपेयी ने बताया, नवंबर के दूसरे सप्ताह में अरुण जेटली राय बरेली के दौरे पर जा सकते हैं। हालांकि उन्होंने 2019 में सोनिया गांधी और अरुण जेटली के बीच किसी भी मुकाबले की संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने लोकसभा चुनाव से महीनों पहले यह खुलासा किया कि 2019 का चुनाव जेटली नहीं लड़ेंगे।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि, एक सम्मानित राजनीतिक परिवार के पास रायबरेली होने के बावजूद जिला पिछड़ा है। यहां जनता शिक्षा, बिजली और अन्य बुनियादी जरुरतों के लिए मांगे कर रही है। लोग सोलर लाइट और दूर-दराज के इलाकों में सोलर ऊर्जा से चलने वाले पंप की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य विकास अधिकारी के पास 2.5 करोड़ रुपये रायबरेली के विकास के लिए पहुंच चुके हैं।

बता दें कि, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत प्रत्येक सांसद के पास जिले के कलेक्टर को अपने क्षेत्र में 5 करोड़ तक के विकास कार्यों के लिए सुझाव देने का विकल्प होता है। राज्यसभा सांसद जिस राज्य से वे सांसद चुने गए हैं वहां एक या एक से अधिक जिलों में कार्य करने की सिफारिश कर सकते हैं। जेटली यूपी से ही संसद के उच्च सदन पहुंचे हैं।

गौरतलब है, रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रायबरेली के पास की लोकसभा सीट अमेठी से सांसद हैं। सोनिया गांधी को 2014 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से 5,26,434 वोट मिले थे। उन्होंने अपने बीजेपी उम्मीदवार को 3,52,713 वोटों से शिकस्त दी थी।