तिरूवनंतपुरम। देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक श्री पद्यनाभस्वामी मंदिर से 266 किलो सोना गायब पाया गया है। पूर्व नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक (कैग) विनोद राय ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है। राय की इस रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि मंदिर से विभिन्न कार्यो के लिए 893 किलो सोना दिया गया था। इनमें से सिर्फ 627 किलो सोना वापस किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष राय को इस मंदिर के खातों और खजानों की ऑडिट का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आरएम लोढ़ा और न्यायाधीश एके पटनायक की खंडपीठ ने पिछले वर्ष अप्रेल में एक अंतरिम आदेश में पूर्व कैग विनोद राय को कहा था कि वे इस मंदिर के पिछले 25 वर्षो के खातों और खजानों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार करें। कोर्ट ने यह निर्देश न्याय मित्र गोपाल सुब्रमण्यम की उस अनुशंसा पर दिया था, जिसमें उन्होंने क हा था कि मंदिर की कार्यप्रणाली में आमूल-चूल बदलाव की जरूरत है।

राय को ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश के अलावा कोर्ट ने इस मामले में एक नई पांच-सदस्यीय समिति गठित करने का भी निर्देश दिया था। समिति में तिरूवनंतपुरम के एक जज, मंदिर के तंत्री, मुख्य पुजारी और दो अन्य सदस्यों को शामिल किया जाना था। इन दो सदस्यों में एक राज्य सरकार की सलाह से और एक जज की इच्छा से चुने जाने थे। कोर्ट द्वारा गठित इस समिति ने जुलाई 2011 में मंदिर के छह वॉल्ट यानी संदूकों को खोला। इनमें से सिर्फ वॉल्ट-बी को खोला जाना बाकी है। बाकी पांच संदूकों से जो खजाना हासिल हुआ है, उसकी बाजार कीमत एक लाख करोड़ रूपए से ज्यादा आंकी गई है। तब से इन पांचों खुले संदूकों की रक्षा के लिए सुरक्षा उपकरणों के अलावा हथियारबंद सुरक्षाकर्मी लगातार तैनात हैं।