समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर जिले में शनिवार को उस वक्त सनसनी फैल गई, जब सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के शीतलपट्टी गांव के पास भारी संख्या में वीवीपैट पर्चियां कचरे में पाई गईं। मामला सामने आने बाद चुनाव आयोग ने इस पर बड़ा एक्शन लिया है। डीएम को जांच करवाकर कार्रवाई का आदेश दिया गया है। इस बीच संबंधित एआरओ को निलंबित कर दिया गया है। उन पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। दो अन्य कर्मियों पर भी लापरवाही के आरोप में कार्रवाई की जा रही है। दरअसल, सुबह जब गांववालों ने कूड़े के ढेर में चुनाव चिन्ह वाली पर्चियां देखीं, तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच के आदेश दिया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये पर्चियां मॉक पोल के दौरान की है, जिन्हें गलती से फेंक दिया गया था।

इस जगह पर राजद उम्मीदवार अरविंद सहनी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और जमकर बवाल हुआ। इस पूरे मामले पर राजद ने एक्स पर पोस्ट कर सरकार पर निशाना साधा और चुनाव प्रक्रिया के सही होने पर सवाल उठाया। फिलहाल प्रशासन जांच में जुटा है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में वीवीपैट पर्चियां कूड़े में कैसे पहुंचीं?

तेजस्वी यादव की पार्टी ने एक्स पर लिखा कि समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के कीसआर कॉलेज के पास सड़क पर भारी संख्या में ईवीएम से निकलने वाली वीवीपैट पर्चियां फेंकी हुई मिली। कब, कैसे, क्यों किसके इशारे पर इन पर्चियों को फेंका गया? क्या चोर आयोग इसका जवाब देगा? क्या यह सब बाहर से आकर बिहार में डेरा डाले लोकतंत्र के डकैत के निर्देश पर हो रहा है।

इस मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने समस्तीपुर डीएम को मौके पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया है। चूंकि ये मॉक पोल की वीवीपैट पर्चियां हैं, इसलिए मतदान प्रक्रिया की निष्पक्षता पर कोई असर नहीं पड़ा है। संबंधित प्रत्याशियों को भी डीएम द्वारा इसकी जानकारी दी गई है। लापरवाही के कारण संबंधित एआरओ को निलंबित किया गया है।