वर्ष 1970 के आस-पास ओयल रियासत के राजा साहब युवराज दत्त सिंह की भूमि पर जबरन कब्जा हो गया था। इसके क्रम में उन्होंने तत्कालीन सरकार के विरूद्ध न्यायालय में परिवाद दर्ज किया था। न्यायालय के फैसले के अनुसार लखनऊ विकास प्राधिकरण को 23.03.1972 से वर्तमान समय तक राज्य परिवार को मूल धनराशि एवं ब्याज सहित सम्पत्ति का मुआवजा देय था। इस क्रम में राज परिवार के मुखिया राजा विष्णु नारायण दत्त सिंह ने स्टार आर0टी0आई0 एक्टिविस सिद्वार्थ नारायण से सम्पर्क साधा एवं उनके द्वारा 01.06.2024 को एल0डी0ए0 पर 09 बिन्दुओं की आर0टी0आई0 याचिका दायर की गयी थी। तदोंपरान्त एल0डी0ए0 के प्रथम अपील अधिकारी द्वारा सम्बन्धित अधिकारी को सूचना देने के दिशा-निर्देश 12.08.2024 को पारित हुये थे। एल0डी0ए0 अधिकारियों ने स्वयं अपने ही प्रथम अपील के आदेश नहीं माने न ही सूचना प्रदान की। इस क्रम में 13 सितम्बर 2024 को द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग में दायर की गयी। अनेक सुनवाईयों एवं 02 कारण बताओं नोटिसों के तत्पश्चात् भी सूचना प्रेषित नहीं हुई। अन्ततः 11 सितम्बर, 2025 को सूचनायें प्रद्युम्मन नारायण द्विवेदी के सुनवाई कक्ष में एल0डी0ए0 के ऊपर अर्थदण्ड अधिरोपित कर दिया गया। आयोग द्वारा अधिरोपित अर्थदण्ड रु0 250/- प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम सीमा पर रु0 25000/- दो याचिकाओं पर लगाया गया है। वाद की अगली सुनवाई 01.12.2025 है।