टीम इंस्टेंटखबर
यूपी विधानसभा चुनाव के पहले राउंड के 10 फरवरी को मतदान से पहले अपना दल कमेरावादी पार्टी ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया है, खबर के मुताबिक गठबंधन में कृष्णा पटेल के दल को 18 सीटें मिलने की बात हुई थी, इसमें 7 उम्मीदवार उन्होंने घोषित कर दिए हैं , वहीं अब सभी सीटें वापस करने की बात कही जा रही है.

सपा ने इलाहाबाद पश्चिम सीट से अमरनाथ मौर्य को प्रत्याशी के तौर पर उतार दिया है, जब कि यह सीट अपना दल के खाते में थी. समाजवादी पार्टी ने सिराथू सीट से अपने सिंबल पर पल्लवी पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है. सपा के इस फैसले से पार्टी के दूसरे नेताओं में नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं. इलाहाबाद पश्चिम सीट पर सपा की तरफ से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद अपना दल कमेरावादी ने सभी सीटों को वापस लौटाने का फैसला लिया है.

बता दें कि सपा गठबंधन में अपना दल कमेरावादी को वाराणसी की रोहनिया, पिंडारा, जौनपुर की मड़ियाहूं, मिर्जापुर की एक सीट के साथ ही सोनभद्र की घोरावाल सीट और प्रतापगढ़ की सदर सीट दी गई थी. इसमें इलाहाबाद पश्चिम की भी एक सीट शामिल थी, इस सीट पर पहले चरण की वोटिंग 27 फरवरी को वोटिंग होनी है. सपा की तरफ से इस सीट पर उम्मीदवार उतारे जाने से गठबंधन में मतभेद की स्थिति पैदा हो गई है.

खबर के मुताबिक अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि वह नहीं चाहते कि गठबंधन में कोई भी विवाद या भ्रम हो, यही वजह है कि उन्होंने सभी सीटों को वापस लौटाने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि सपा खुद उन सीटों को तय करले, जिस पर वह अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है.

उन्होंने कहा कि जिस सीट पर कोई विवाद न हो वह उन्हें दे दी जाए. कृष्णा पटेल की पार्टी की तरफ से कहा गया है कि अगर सपा उन्हें एक भी सीट नहीं देती है तो भी वह गठबंधन में बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि वह अखिलेश यादव के लिए चुनाव प्रचार भी करेंगे.

पार्टी ने साफ किया कि उनकी लड़ाई पिछड़ों के लिए है. अपना दल कमेरावादी के राष्ट्रीय महासचिव की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने सभी सीटें वापस करने की जानकारी उदयवीर सिंह को दे दी है. उदयवीर सिंह दोनों दलों के गठबंधन को देख रहे हैं.