दे हाथ सोसाइटी ने हाशिये पर रहने वाले युवाओं के साथ मिलकर एक जागरूकता कार्यक्रम बॉन-फायर आयोजित किया | राधाग्राम के एक खुले पार्क में करीब 20 युवा लोगों ने अपने अनुभव को सांझा किया | 2 घंटे चले इस कार्यक्रम में युवाओं को लिंग आधारित भेदभाव की जानकारी दी गयी |
दे हाथ सोसाइटी के जागरूक नागरिकों के ज़रिये बच्चों को शिक्षा की क्लासेस देता एवं बड़ो को रोज़गार के अवसर से जोड़ता है | इस कार्यक्रम में युवाओं ने बात रखी की कैसे समुदाय के लोग आगे आकर पहेल कर सकते हैं | संस्था के संस्थापक वासुदेव बाजपाई एवं कम्युनिटी स्पेशलिस्ट हिना कौसर की मौजूदगी में आग तापते युवाओं ने संकल्प लिया कि अपने अपने घर में महिलाओं को बराबरी के अवसर देंगे|
इस अवसर पर हिना कौसर ने कहा कि इस यात्रा में युवाओं को जोड़ियों में एक सामाजिक प्रोजेक्ट चलाना है | हमारा उद्देश्य है कि युवाओं को सामाजिक मुद्दों में प्रतिभागी बनाना और साथ ही उनकी विकासशीलता भी बेहतर करना | एक युवा साथी, रिम्मी, ने अपना अनुभव सांझा करते हुए कहा, “जागरूक बनके मैंने एक नये नज़रिए से चीजों को देखना शुरू किया है| सहानुभूति को हम कैसे समाज में और अपने जीवन में उतार सकते हैं यह हमें समुदाय से सीखने को मिलता है|”
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