नई दिल्ली: हाल ही के इतिहास में भारत के सबसे बेहतरीन पेसर्स में से एक भुवनेश्वर कुमार ने सभी आयु वर्गों के उभरते क्रिकेटरों के लिए फास्ट-बाॅलिंग का ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराने हेतु फ्रन्ट रो के साथ हाथ मिलाए हैं। आईपीएल में दो बार सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले भुवनेश्वर पाकिस्तान के खिलाफ़ टी20 में शानदार शुरूआत के साथ रोशनी में आए और उन्होंने ट्राई-सीरीज़ बनाम श्रीलंका और वेस्टइंडीज़ में टूर्नामेन्ट को जीत दिलाने में शानदार परफोर्मेन्स दिया।

अब अपने इस एक्सक्लुज़िव कोर्स के लिए वे कोच की भूमिका निभाने जा रहे हैं। ‘‘मेरा मानना है कि क्रिकेट सीखने की कोई उम्र नहीं होती। यह कौशल पर आधारित खेल है, इसलिए अगर आप प्राकृतिक खिलाड़ी नहीं हैं, तो भी आप जब चाहे इसे सीख सकते हैं।’’ कुमार ने कहा।

मेरठ से दाएं हाथ के पेसर पाठ्यक्रम के दौरान अपने सुझाव, निर्देश और दृष्टिकोण साझा करते हैं, जो नए खिलाड़ियों को फास्ट-बाॅलिंग सीखने और युवा क्रिकेटरों को अपने खेल में सुधार लाने में मदद करेंगे। ‘‘फास्ट बाॅलिंग निश्चित रूप से मुश्किल है, क्योंकि यह आपके शरीर पर भारी पड़ती है। हालांकि अगर आप इसके प्रति समर्पित हैं और विशेष तकनीकी पहलुओं पर ध्यान देते हैं तो आप इसे सीख सकते हैं और इसमें सुधार भी ला सकते हैं।’’ कुमार ने कहा।

खेल के प्रति अपने शुरूआती आकर्षण के बारे में बात करते हुए भुवी (उन्हें इसे नाम से जाना जाता है) ने कहा, ‘‘मुझे याद है जब मैं 1999 में भारत और न्यूज़ीलैण्ड के बीच विश्व कप का मुकाबला देख रहा था। मैं अपनी बहन के साथ यह मैच देख रहा था और जब हम हार गए, मैं बहुत रोया। मैं उस पल को कभी नहीं भूल सकता, तभी मुझे महसूस हुआ कि मुझमें इस खेल के प्रति कितना उत्साह और जोश है।’’

देश के ज़्यादातर लोगों की तहत भुवी ने गली क्रिकेट खेलना शुरू किया, हालांकि उस समय वे पेस बाॅलिंग में अपनी क्षमता को पहचान नहीं सके। वे अपने जीवन में मेंटर के महत्व के बारे में भी बात करते हैं, जिन्होंने उनका सही मार्गदर्शन किया। ‘‘गली क्रिकेट में हर कोई सोचता है कि वह आॅल-राउण्डर है। जब मैं पहली बार अपनी बहन के साथ एकेडमी गया और कोच ने मुझसे पूछा कि मैं क्या करता हूं। मैंने सबे कुछ बताया दिया। उन्होंने मुझमें कुछ देखा और मेरे हाथ में बाॅल थमा दी, तब से मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है।’’

पाठ्यक्रम तथा अपने अनुभवों के बारे में बात करते हुए, भुवी कहते हैं ‘‘मैंने हर व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए इस पाठ्यक्रम को डिज़ाइन किया है, फिर चाहे आप खेल के प्रशंसक हैं, या खेलना शुरू कर रहे हैं या अपने खेल में सुधार लाना चाहते हैं और या फिर पेशेवर क्रिकेटर बनने का सपना देख रहे हैं। हालांकि मैं सभी उभरते क्रिकेटरों को यही सलाह दूंगा कि अभ्यास करते रहें। कोच आपको सिखा सकता है, लेकिन कामयाबी हासिल करने के लिए कोई शाॅर्टकट नहीं होता, इसके लिए मेहनत आपको ही करनी होती है।’’

युवा क्रिकेटरों के मेंटर के रूप में बात करते हुए वे बताते हैं कि आॅस्ट्रेलियन पेस दिग्गज ग्लैन मैक ग्राथ का उनकी शैली पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ‘‘जल्द ही मैंने महसूस किया कि मेरा शरीर पतला है इसलिए मैं शोएब अख्तर जैसे खिलाड़ी का अनुकरण नहीं कर सकता। इसके बजाए ग्लैन मैकग्राथ मेरी प्रेरणा हैं। उनकी ताकत, उनकी लाईन और लेंथ मुझे प्रभावित करते हैं। अब तक मैंने उनसे सीखने और उनका अनुकरण करने की कोशिश की है, मैसे वे बाॅल को विकेट से दूर ले जाते हैं।’’ कुमार नेे कहा।

फ्रन्ट रो एक आॅनलाईन प्लेटफाॅर्म है जो मामूली कीमत पर कौशल आधारित व्यापक पाठ्यक्रम पेश करता है, इसका लाॅन्च 8 दिसम्बर 2020 को किया गया। देश भर के लोगों को उनके उत्साह के आगे बढ़ने का मौका देना, उन्हें संरक्षण प्रदान करना इसका उद्देश्य है। तीन आईआईटी पूर्व छात्रों और टेक उद्यमियों ईषान प्रीत सिंह, मिखिल राज और शुभादित शर्मा द्वारा स्थापित फ्रन्ट रो के पहले सत्र का आयोजन छह श्रेणियांे में मासटरक्लासेज़ के रूप में किया जाएगा। इनका संचालन विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित दिग्गज जैसे नेहा कक्कड़, सुरेश रैना, यजुवेन्द्र चहल, बिस्वा कल्याण रथ और भुवनेश्वर कुमार करेंगे।