ज़ीनत क़िदवाई

ज़ीनत क़िदवाई

कोरोना से देश का बुरा हाल है, नए संक्रमितों का आंकड़ा 38 हज़ार के पार हो गया| कोरोना का फैलाव अब उन राज्यों और शहरों में तेज़ी से बढ़ रहा है जहां अभी तक थोड़ी शान्ति थी या ऐसा भी कह सकते हैं कि दिखाया जा रहा था कि सबकुछ कण्ट्रोल में है|

आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में भी कोरोना ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है या दिखना शुरू हो गया है ( शायद अब छुपाया नहीं जा सकता)| यूपी आज की तारीख़ में कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में छठे नंबर पर पहुँच गया है, यह संख्या तब है जब अन्य राज्यों की तुलना में कोविड टेस्टिंग (covid testing) में प्रदेश निचली पायदान पर है|

बात आती है प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जो प्रदेश का वुहान शहर बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर है| आज की तारीख़ में लखनऊ में कोरोना संक्रमण (corona infection) के 3610 मामले दर्ज हो चुके हैं| लखनऊ से आगे गौतमबुद्ध नगर और गाज़ियाबाद हैं जिनको बहुत जल्द पीछे छोड़ने की तैयारी में है नवाबी शहर|

मुख्यमंत्री योगी जी रोज़ाना कोरोना के मामलों पर बैठक करते हैं और बहुत सारे निर्देश देते हैं मगर हैरानी है कि पहली जुलाई से 18 जुलाई के बीच लखनऊ में कोरोना के मामले तीन गुना बढ़ गए और कोई एक्शन नहीं| यही योगी जी थे जिन्होंने कोरोना को कण्ट्रोल न करने पर Noida और आगरा के CMO को हटा दिया था, हालाँकि उस समय वहाँ लगभग 500 ही मामले आये थे| तो सवाल उठता है कि लखनऊ के CMO पर मेहरबानी क्यों?

1 जुलाई को लखनऊ में 1192 कोरोना के मामले दर्ज थे वहीँ 18 जुलाई को आंकड़ा 3610 पहुँच गया यानी तीन गुना, वहीँ एक्टिव केसेस (active cases) का आंकड़ा 463 था जो 18 दिन में 2144 हो गया, अर्थात पांच गुना| और यह सब प्रदेश की राजधानी में हो रहा है|

लखनऊ शहर की भयावह होती जा रही इस स्थिति की ज़िम्मेवारी तो तय करनी ही होगी| पता नहीं मुख्यमंत्री जी को रोज़ाना की बैठकों में शामिल स्वास्थ्य अधिकारी लखनऊ की जानकारी दे रहे हैं या नहीं क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी प्रेस नोट में नॉएडा, ग़ाज़ियाबाद, मेरठ, गोरखपुर, आगरा आदि का ज़िक्र तो होता है मगर जिस शहर में बैठकर वह सरकार चला रहे हैं उसका उल्लेख नहीं मिलता|

मुख्यमंत्री जी लखनऊ शहर को प्रदेश का वूहान बनने से बचाइए और इस बदतर होती जा रही हालत के ज़िम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर नकेल कसिये, नॉएडा और आगरा जैसा एक्शन लीजिये वरना इन नकारा अधिकारियों की लापरवाहियों की आंच आप पर (सरकार) भी आएगी और लोग सीधे आप पर ऊँगली उठाएंगे |