लखनऊ: यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना काल में अपने दायित्वों को निर्वहन करते समय जिन कर्मचारियों की संक्रमित होने से मृत्यु हुई है, उन्हें तत्काल अनुमन्य राशि और उनके एक आश्रित को नियमानुसार सेवा में रखने की कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले बैठक में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस संक्रमण के कारण जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके परिजनों के साथ पूरी संवेदनशीलता और सहानुभूति से सहयोग किया जाएगा। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ हर एक मृत्यु दुःखद है और राज्य सरकार की संवेदनाएं प्रत्येक कर्मचारी एवं उसके परिजनों के प्रति हैं। चुनाव ड्यूटी करने वाले जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई अथवा जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित होने के बाद बाद में मृत्यु हो गई, उनके संदर्भ में राज्य सरकार दिशा निर्देशों के अनुसार उनके परिवार को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के सम्बन्ध राज्य चुनाव आयोग की संस्तुतियों पर कार्रवाई करती है।

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री का निर्देश है कि मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव पंचायती राज आज राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय स्थापित करके चुनाव आयोग को अपने दिशा निर्देशों में संशोधन करने का अनुरोध करें जिसका आधार चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को एक निश्चित समय सीमा के अन्दर संक्रमण होने पर निधन होने की स्थिति को भी सम्मलित करने पर विचार किया जाए।

प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा ,‘‘ कोविड संक्रमण के कारण कई दंपतियों की असमय मृत्यु हुई है, उनके बच्चे राज्य की जिम्मेदारी है । ऐसे अनाथ एवं निराश्रित बच्चों के भरण पोषण और समुचित देखभाल के लिये महिला और बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना तेयार की जायें ।”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों तथा अन्य विभागीय कर्मियों की मृत्यु का दावा किया है। वहीँ प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस दावे को गलत ठहराते हुए मंगलवार को कहा था कि चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है।