लखनऊ। कोरोना महामारी के दौरान विपक्ष के नेता आए दिन भाजपा सरकार पर हमला बोलते आए हैं। किसान आंदोलन से लेकर कोरोना से होने वाली मौतों पर भी विपक्ष ने सरकार को घेरा है। अब स्वास्थ्य सुविधाएं और कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की भाजपा सरकार पर दिवंगत कोरोना योद्धाओं के परिजन की मदद में असंवेदनशीलता बरतने का आरोप लगाया है। यादव ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कोरोना महामारी के दौर में दिन-रात एक कर मरीजों की सेवा में लगे स्वास्थ्य कर्मियों तथा अन्य कर्मचारियों की संक्रमण से मृत्यु होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके परिवारजनों को आर्थिक मदद के ऐलान करते रहे हैं।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कोविड से मरने वालों के साथ नाइंसाफी से भाजपा सरकार की अमानवीयता और संवेदनहीनता की साफ झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि कानपुर में मरने वाले दारोगा मुकेश आर्य के परिजनों को सात महीने बाद भी ना नौकरी मिली और ना ही पेंशन। मां को साथ लेकर बेटा अधिकारियों के दर के चक्कर लगा रहा है। शासन ने दारोगा के परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता का ऐलान किया था जो उसे आज तक नहीं मिले।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संक्रमण से मरने वाले कोरोना योद्धाओं की सूची में भी गड़बड़ी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कानपुर के काकादेव थाने में तीन दारोगा समेत आठ पुलिस कर्मियों की मौत हुई, मगर शासन को दो दारोगा के ही नाम भेजे गए। लखनऊ में कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले एलडीए के इंजीनियर एस के अग्रवाल के परिजन को भविष्य निधि का एक पैसा भी नहीं दिया गया। सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की याद में कई बार भावुक होते दिखाई दिए लेकिन हर वादे को धुएं की तरह हवा में उड़ा देने में भाजपा ने बड़ी महारत हासिल कर ली है।