अडानी ग्रुप के डूबते शेयरों के बीच गौतम अडानी को अब भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से बहुत बड़ा झटका लगा है. दरअसल उत्तर प्रदेश के मध्यांचल पॉवर कॉर्पोरेशन ने स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर निरस्त कर दिया है जिसमें में अडानी ग्रुप सबसे बड़ा प्प्लयेर था और माना जा रहा था कि भले ही इसके लिए जीएमआर और एलएंटी समेत कई कंपनियों ने हिस्सा लिया हो लेकिन टेंडर तो अडानी को ही मिलेगा। कहा जा रहा है कि टेंडर के अंतिम स्टेज तक सर अडानी ग्रुप ही पहुंचा था. अब नए हालात में ज़्यादा रेट के बहाने यूपी सरकार ने पूरा टेंडर ही रद्द कर दिया है.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में 2.5 करोड़ स्मार्ट मीटर का टेंडर हुआ था, जिसकी अनुमानित लागत 25000 करोड़ रुपये बताई जा रही है. उत्तर प्रदेश के चार क्लस्टर- मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल और पूर्वांचल ने अपने-अपने क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए अलग-अलग टेंडर निकाला था. इस टेंडर को लेने के लिए दो प्रक्रिया को पूरा करना था. सभी क्लस्टर के Technical Bid में अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ट्रांसमिशन, जेएमआर, एलएनटी और इंटेल स्मार्ट क्वालिफाई हुई. इसके बाद कंपनियों ने Price Bid डाली .

मध्यांचल और दक्षिणांचल में अडानी ट्रांसमिशन की Price Bid सबसे कम रही, जबकि पूर्वांचल में जेएमआर और पश्चिमांचल में इंटेल स्मार्ट की Price Bid सबसे कम रही. ऐसे में नियम के मुताबिक जिस कंपनी की Price Bid सबसे कम होती है उसे ही टेंडर मिल जाता है, लेकिन यह पेंच स्मार्ट मीटर के दामों को लेकर फंसा.

भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक एक स्मार्ट मीटर की कीमत तकरीबन 6 हजार रुपये होनी चाहिए, लेकिन अडानी ट्रांसमिशन ने अपने Price Bid में एक स्मार्ट मीटर की कीमत तकरीबन 10 हजार रुपये के करीब थी इसका विरोध विद्युत नियामक आयोग में उपभोगता परिषद ने शुरू कर दिया था. विरोध के साथ जब मीटर के दरों पर बात नहीं बनी तो मध्यांचल पॉवर कॉर्पोरेशन ने 70 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का पूरा टेंडर ही निरस्त कर दिया. यह टेंडर करीब 5454 करोड़ रुपये का था. अब नए सिरे से टेंडर निकाले गए हैं. हालांकि अभी दक्षिणांचल पॉवर कॉर्पोरेशन के साथ ही पूर्वांचल और पश्चिमांचल पॉवर कॉर्पोरेशन ने कोई फैसला नहीं लिया है.