लखनऊ:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार “हेपेटाइटिस बी वायरस” की खोज करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ ब्रोच ब्लमबर्ग की जयंती के अवसर पर 28 जुलाई को दुनिया भर में “एक लीवर, एक जीवन” की थीम पर “विश्व हेपेटाइटिस दिवस” ​​​​मनाया गया, इसी क्रम में इरम यूनानी मेडिकल कॉलेज के हकीम मुहम्मद अजमल खान सेमिनार हॉल में कॉलेज की प्रबंध निदेशक डॉ. शाज़िया बेगम की अध्यक्षता एवं मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रोफे़सर मुहम्मद आरिफ़ इस्लाही के परिचालन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कॉलेज के सभी संकाय सदस्य, बड़ी संख्या में छात्र/छात्राएं और अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में प्रोफे़सर मुहम्मद आरिफ़ इस्लाही, डॉ. मुहम्मद साक़िब और डॉ. तारिक़ सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से अपने व्याख्यान में वैश्विक स्तर पर मानव जाति के जीवन और स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक बीमारी “हेपेटाइटिस” और इसके कई घातक प्रकारों के संबंध में प्राचीन और आधुनिक चिकित्सा सिद्धांतों के प्रकाश में, सुरक्षा, उपचार एवं जनमानस को जागरूक करने की योजना पर बहुत महत्वपूर्ण और विस्तृत जानकारी प्रदान की, तथा इस बात पर जोर दिया कि हमें चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े होने के नाते हमें जनता को हेपेटाइटिस से बचाने और इसे दुनिया से ख़त्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है.

इस अवसर पर बी यू एम एस अंतिम वर्ष बैच 2017 के छात्र/छात्राओं ने भी हेपेटाइटिस के भिन्न भिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। अपने अध्यक्षीय भाषण में, प्रबंध निदेशक डॉ. शाज़िया बेगम ने मानव जीवन को इस बीमारी से बचाने और इसे दुनिया से ख़त्म करने के लिए चिकित्सा जगत की ओर से हो रहे निरंतर प्रयासों की सराहना की।

ज्ञात हो कि स्वस्थ जीवन के लिए शरीर में लीवर के महत्व को देखते हुए वायरल हेपेटाइटिस की रोकथाम, परीक्षण, उपचार और जन जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए हर साल 28 जुलाई को “विश्व हेपेटाइटिस दिवस” ​​मनाया जाता है ताकि वर्ष 2030 तक इस बीमारी को पूरी दुनिया से मिटाया जासके।