लखनऊ
इमामबाड़ा गुफ़रानमआब में अशरा ए मुहर्रम की छठी मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने विलायते अली (अस) की अहमियत और फ़ज़ीलत को बयान किया। मौलाना ने विलायते अली (अस) की अज़मत बयान करते हुए आयाए बल्लिग़ की रौशनी में कहा की इस आयात के दो रुख हैं, एक ख़िताब रसूल अल्लाह (स अ व) से है कि अगर विलायते अली (अस) का हुक्म नहीं पहुंचाया तो गोया अपने कुछ नहीं किया और दूसरा ख़िताब मुसलमानो से है कि अगर विलायते अली (अस) को नहीं माना तो कुछ नहीं माना। इसके बाद अल्लाह ने ऐलान किया कि आप इस हुक्म को पहुँचाइये,अल्लाह आपको दुश्मनो के शर से महफ़ूज़ रखेगा, इसका मतलब ये है कि रोज़े अव्वल ही ये वाज़ेह कर दिया गया था कि विलायते अली (अस) पर मुसलमान शर पैदा करेंगे। मौलाना ने कहा विलायते अली (अस) दीन का सतून है, इसको नहीं माना तो कुछ नहीं माना

मजलिस के आखिर में मौलाना ने इमाम हुसैन (अस) के बेटे हज़रत अली अकबर (अस) की शहादत के वाक़िये को बयान किया।