राष्ट्रपति भवन के अपने प्रसिद्ध मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया. भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए इसका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारत गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है. वहीं, विपक्षी दलों ने सरकार को सलाह दी कि वह नाम बदलने के बजाय नौकरियां सृजित करने और महंगाई को काबू करने पर ध्यान केंद्रित करे.

इसी कड़ी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव ने तंज कसते कन्नौज में कहा कि बीजेपी वाले कहीं हमारा-आपका नाम भी बदलकर अमृत न रख दें. बीजेपी सरकार हमारे शासनकाल में बनवाए गए लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का भी नाम बदलकर कहीं अमृत एक्सप्रेसवे कर दे. अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि बीजेपी की यह सोची-समझी साजिश है. यह भी कोई बड़ी बात नहीं है कि बीजेपी कन्नौज में सपा सरकार के दौरान कराए गए विकास कार्यों का नाम भी बदलवा दे.

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी सभी का नाम बदल दे. अमृत म्यूजियम, अमृत इंजीनियरिंग कॉलेज और अमृत शौचालय या सूसू घर कर दे. इज्जत घर नाम ही क्यों रखा है. वहीं, बीते साल पुलिस कस्टडी में हुई बलवंत सिंह की मौत के मामले में अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी बलवंत के परिवार के साथ है. बीजेपी ने उनकी कोई मदद नहीं की. सरकारी नौकरी तक नहीं दी.

आपको बता दें कि बीती 27 जनवरी को राष्ट्रपति भवन के अपने प्रसिद्ध मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया. जिसके बाद से ही सपा ने बीजेपी सरकार को घेरना शुरु कर दिया. संभल सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने भी तंज कसा है. उन्होंने कहा किनाम बदलने से जहन थोड़े ही बदल जाएगा. दिल तो सभी का एक ही है. मुगल गार्डन का नाम अमृत उद्यान रखने से क्या फायदा होगा. मुगल गार्डन तो अपनी जगह ही रहेगा। मैं अब भी उसको मुगल गार्डन मानता हूं.