खुदरा महंगाई के बाद अब सितंबर में थोक महंगाई के मामले में भी बुरी खबर है. पिछले माह थोक महंगाई में उछाल दर्ज किया गया और यह 1.32 फीसदी (प्रोविजनल) पर पहुंच गई. इसका कारण खाने-पीने की चीजों की उच्च कीमतें हैं. अगस्त 2020 में भी थोक महंगाई बढ़ी थी और 0.16 फीसदी दर्ज की गई थी. अगस्त से पहले लगातार 4 महीनों तक थोक महंगाई नकारात्मक दायरे यानी शून्य से नीचे रही थी. अप्रैल में यह -1.57 फीसदी, मई में -3.37 फीसदी, जून में -1.81 फीसदी और जुलाई में -0.58 फीसदी रही थी. सितंबर 2019 में थोक महंगाई 0.33 फीसदी दर्ज की गई थी.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, फूड आर्टिकल्स के मामले में थोक महंगाई सितंबर में 8.17 फीसदी दर्ज की गई, जो अगस्त में 3.84 फीसदी थी. सितंबर महीने में प्राइमरी आर्टिकल्स की थोक महंगाई बढ़कर 5.10 फीसदी पर पहुंच गई, जो अगस्त 2020 में 1.60 फीसदी थी. ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति बढ़कर (-)9.54 फीसदी हो गई, जो अगस्त माह में (-)9.68 फीसदी थी. मैन्युफैक्चर्ड प्रॉडक्ट्स के मामले में थोक महंगाई सितंबर में बढ़कर 1.61 फीसदी हो गई, जो अगस्त 2020 में 1.27 फीसदी दर्ज की गई थी.

सितंबर में अनाज की कीमतें 3.91 फीसदी कम हुईं, जबकि दालों की कीमतें 12.53 फीसदी बढ़ीं. सितंबर में सब्जियों की थोक महंगाई 36.54 फीसदी के उच्च स्तर पर रही, जबकि अगस्त में यह 7.03 फीसदी रही. आलू की कीमतों में सालाना आधार पर 107.63 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया. अगस्त में आलू के दाम 82.93 फीसदी बढ़े थे. हालांकि पिछले माह प्याज की कीमतें 31.64 फीसदी नीचे आईं. अगस्त में प्याज 34.48 फीसदी सस्ता हुआ था.