लखनऊ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के संयोजक अशोक सिंह ने आगरा के ताजगंज व डौकी इलाके में जहरीली शराब पीने से आठ व्यक्तियों की मौत हो गई। भाजपा की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की जहरीली शराब के अवैध कारोबारियों पर सख्त कार्यवाही न करने का परिणाम बताते हुये आरोप लगाया कि जहरीली शराब कारोबार के पीछे सरकार में बैठे लोगों का संरक्षण है, जिसके कारण यह मौतें रुक नही रही है। उंन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछ रहा है कि जहरीली शराब की बिक्री कब बंद होगी और कब मौतें रुकेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जहरीली शराब के अवैध कारोबार और उसके सेवन से लगातार हो रही मौतों के बावजूद कार्यवाही में पूरी तरह ढिलाई बरती जा रही है इसका मतलब यह है कि सरकार में बैठे बड़े लोगों को अवैध शराब कारोबार को पूरा संरक्षण है।

श्री सिंह ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अपनी सुरक्षा की चिंता में लगे रहते है उन्हें जनता की सुरक्षा से कोई लेना देना नही है। अलीगढ़, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, एटा, प्रयागराज, राजधानी लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी आदि जनपदों में पूर्व में दिल दहलाने वाली घटनाओ के बाद आगरा में जहरीली शराब से हुई आठ मौतों ने फिर सरकार की पूरी तरह पोल खोल दी है, जिससे स्प्ष्ट हो गया कि सरकार की जहरीली शराब कारोबार पर अंकुश लगाने में कोई रुचि नही है। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में अवैध जहरीली शराब कारोबरियों का सिंडिकेट लगातार मजबूती के साथ अपना धंधा चला रहा है जिसके चलते जहरीली शराब के सेवन से अब तक उत्तर प्रदेश में योगी राज में 550 से अधिक जाने जा चुकी है, परिवार के परिवार उजड़ गए है लेकिन शराब माफिया व्यवस्था के संरक्षण में बेखौफ होकर जहरीली शराब कारोबार में लगे हुए है।

कांग्रेस मीडिया विभाग संयोजक अशोक सिंह ने राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए उजड़े परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने व अवैध जहरीली शराब कारोबारियों सहित आबकारी विभाग व सत्ता के उच्चपदों पर स्थापित होकर इंसानी जानो से खिलवाड़ करने वालो के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की है। उन्होने सवाल करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ जी बताये की शराब माफिया कब तक उनके राज में इंसानी जानों से खिलवाड़ करते रहेंगे? यह सवाल प्रदेश आज फिर मुख्यमंत्री जी से पूछ रहा है और उन्हें सरकार के मुखिया के रूप में आगे आकर जवाब देना चाहिये।

उन्होंने मुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि इसके लिये जिम्मेदार कौन है? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहरीली शराब निर्माताओं व विक्रेताओं के सिंडिकेट को व्यवस्था का पूरा संरक्षण खुलेआम साबित होता है क्योंकि हर घटना के बाद कार्यवाही की बड़ी बड़ी बातें करने के बाद सब पूर्व की भांति शांत हो जाता है। क्योंकि मुख्यमंत्री या आबकारी मंत्री कभी भी इन पर इस तरह की कार्यवाही नही करते कि उनके हौसले पस्त हो, बल्कि दिखावे की कार्यवाही कर वह बताते है कि जहरीली शराब निर्माता विक्रेताओ को कानून के हवाले कर दिया गया है, लेकिन एक दुखद घटना के बाद दूसरी घटना होने में देर नही लगती, इसका मतलब है कि शराब माफियाओं को सत्ता का साथ है छोटी मछलियों या उनके इक्का-दुक्का लोगो पर कार्यवाही का नाटक करते है और उसके बाद यही जहरीली शराब के सौदागर बेखोफ होकर पुनः अपना काम करते है ।