लखनऊ: कोरोना की आपदा को अवसर में किस तरह बदला जा रहा है यह उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के भारतीय जनता पार्टी के सांसद जयप्रकाश रावत (jaipraksh rawat) का एक फेसबुक पोस्ट से पता चलता है । बीजेपी सांसद जयप्रकाश रावत ने लिखा, ‘मैंने अपनी निधि इसी शर्त पर दी थी कि वेंटिलेटर खरीदा जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं। निधि कहां गयी, पता नहीं।’

विधायक ने भी जताई नाराज़गी
हरदोई के गोपामऊ से बीजेपी विधायक श्याम प्रकाश (shyam prakash) भी नाराजगी जताई है। ऐसे में राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार होने के बावजूद सांसद और विधायक के जवाब कई सवाल खड़े कर रहे हैं।

भाजपा नेता की पोस्ट से उछला मामला
पूरा मामला तब सामने आया जब हरदोई के ही बीजेपी नेता प्रियम मिश्रा (priyam mishra) ने फेसबुक पर लिखा, ‘कोविड-19 के दौरान माननीय सांसद और माननीय विधायक लोगों ने जो अपनी निधि का पैसा दिया था, उससे अगर हरदोई जिला अस्पताल में एक वेंटिलेटर मशीन लग जाए तो लोगों को कोरोना के बाद भी बहुत राहत मिलेगी।’

सांसद ने जताई बेबसी
इस पोस्ट पर लोगों के कमेंट भी आने लगे लेकिन खलबली उस समय मची जब बीजेपी सांसद का जवाब आया। बीजेपी सांसद जयप्रकाश रावत ने लिखा, ‘मैंने अपनी निधि इसी शर्त पर दी थी कि वेंटिलेटर खरीदा जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं। निधि कहां गयी, पता नहीं।’ बात यही नहीं रूकी और उन्होंने आगे कहा कि ‘जब ऊपर से निर्देश होगा कि अधिकारी अपने विवेक से काम करें तो हमको कौन सुनेगा। हमको अपने तीस बर्षों के कार्यकाल में ऐसी बेबसी महसूस नहीं हुई।’

विधायक ने लगाया कमीशनख़ोरी का आरोप
प्रियम मिश्रा की इसी पोस्ट पर विधायक श्याम प्रकाश का भी कमेंट आ गया। उन्होंने लिखा, ‘सब कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गया।’ श्याम प्रकाश इससे पहले भी इस साल अप्रैल में भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठा चुके हैं।