मनोरंजन

जब फिल्मों और टीवी पर सेंसरशिप है तो ओटीटी पर क्यों नहीं, सलमान खान पूछते हैं

इंटिमेसी और किसिंग सीन से दूर रहने वाले बॉलीवुड के भाईजान सलमान ने बड़ा सवाल उठाया है। सलमान ने पूछा है कि जब फिल्मों की सेंसरशिप होती है. टीवी पर भी सेंसरशिप है तो ओटीटी के लिए क्यों नहीं? एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलमान खान ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले अश्लील दृश्यों, भाषा, हिंसा के खिलाफ बात की और कहा कि बेहतर होगा कि फिल्म निर्माता साफ-सुथरा कंटेंट दें.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलमान ने कहा- अब टीवी से ज्यादा कूल ओटीटी हो गया है, जो मुझे सही नहीं लगता। जो पहले समानांतर सिनेमा हुआ करता था वो अब ओटीटी बन गया है। सलमान ने कहा कि ओटीटी पर इस तरह का कंटेंट सबसे पहले राम गोपाल वर्मा ने शुरू किया था। फिर और लोग भी ऐसा करने लगे। लेकिन मुझे ऐसे कंटेंट पर भरोसा नहीं है। मैं 1989 से इंडस्ट्री में हूं लेकिन मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया। सलमान ने कहा कि ओटीटी पर अश्लीलता, नग्नता, अभद्र भाषा दिखाई जा रही है, इसे रोका जाना चाहिए।

सलमान ने कहा कि मुझे लगता है कि ओटीटी पर स्ट्रीम होने वाले कंटेंट की जांच होनी चाहिए। कंटेंट जितना साफ होगा, उतना ही अच्छा होगा, उसके व्यूअरशिप भी उतने ही ज्यादा होंगे। सलमान ने कहा कि आपने लव मेकिंग सीन किए हैं, किसिंग, एक्सपोज, परफॉर्म किया है, आपको अच्छा लगेगा कि आप अपनी बिल्डिंग के नीचे हैं और आपका चौकीदार-लिफ्टमैन आपका कंटेंट देख रहा है। मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा है। सुरक्षा क्षेत्र से भी बेहतर नहीं।

Share

हाल की खबर

सरयू नहर में नहाने गये तीन बच्चों की मौत, एक बालिका लापता

मृतको में एक ही परिवार की दो सगी बहने, परिजनो में मचा कोहरामएसडीएम-सीओ समेत पुलिस…

मई 1, 2024

बाइक सवार दोस्तों को घसीट कर ले गई कंबाइन मशीन, एक की मौत, दूसऱे की हालत गंभीर ,लखनऊ रेफर

बाइक सवार मित्रों को गांव से घसीटते हुए एक किलो मीटर दूर ले गई,सहमे लोग…

मई 1, 2024

एचडीएफसी बैंक के पेजैप ऐप को ‘सेलेंट मॉडल बैंक’ का पुरस्कार मिला

मुंबईएचडीएफसी बैंक के मोबाइल ऐप पेज़ैप (PayZapp) को 'सेलेंट मॉडल बैंक' अवार्ड मिला है। एचडीएफसी…

मई 1, 2024

पत्रकारों के पेंशन और आवास की समस्या का होगा समाधानः अवनीष अवस्थी

-कम सैलरी में पत्रकारों का 24 घंटे काम करना सराहनीयः पवन सिंह चौहान -यूपी वर्किंग…

मई 1, 2024

पिक्चर तो अभी बाक़ी है, दोस्त!

(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा) हम तो पहले ही कह रहे थे, ये इंडिया वाले क्या…

मई 1, 2024

आज के दौर में ट्रेड यूनियन आंदोलन और चुनौतियां

(अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष आलेख : संजय पराते) आजादी के आंदोलन में ट्रेड यूनियनों…

मई 1, 2024