टीम इंस्टेंटखबर
संयुक्त किसान मोर्चा में आंदोलन को समाप्त करने को लेकर मतभेद की ख़बरों के बीच राकेश टिकैत ने ऐसी ख़बरों को अफवाह बताया है. टिकैत ने कहा ये आंदोलन सिर्फ पंजाब नहीं पूरे देश का है, फूट का भ्रम सरकार फैला रही है.
उन्होंने आगे कहा कि आंदोलन स्थल पर कोई भी अप्रिय घटना सामने आती है तो इसके लिए पूरी तरह सरकार ही जिम्मेदार होगी. किसान इन पुलिस मुकदमों के साथ घर वापस नहीं जाने वाले.
सूत्रों के मुताबिक पंजाब के कुछ किसान संगठन कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब आंदोलन खत्म कर अपने घरों की ओर लौटना चाहते हैं. किसानों का दूसरा समूह जिसमें विशेषकर राकेश टिकैत के नेतृत्व में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान MSP खरीद गारंटी पर क़ानून बनाने के लिए केंद्र सरकार से बिना ठोस आश्वासन तक आंदोलन खत्म करने के पक्ष में नहीं है.
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद सोमवार को संसद के शीत कालीन सत्र के पहले दिन आंदोलन खत्म करने के पक्षधर पंजाब की तकरीबन 32 जत्थेबंदियों ने आपातकालीन बैठक बुलाई और आंदोलन ख़त्म करने पर रायशुमारी की.
सोमवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका एलान किया जा सकता था लेकिन संयुक्त मोर्चा इसके लिए राजी नहीं हुआ और किसान संगठनों के बीच फूट ना दिखे इसके लिए फैसले को 1 दिसंबर तक के लिए टाल दिया गया, अब कल इस पर फैसला हो सकता है.
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