दिल्ली:
भारत के वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया है। इसरो के साढ़े 16 हजार वैज्ञानिकों की चार साल की मेहनत आज रंग लाई और चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सफल लैंडिंग की । इसी के साथ यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। इस चंद्रयान में मौजूद विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद के वायुमंडल, सतह, खनिज-रसायन, भूकंप आदि की जांच करेंगे। इससे दुनिया भर के वैज्ञानिकों को शोध और खोज में मदद मिलेगी।

इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चंद्रयान 3 की सफलता प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है। 140 करोड़ आकांक्षाओं वाले उत्साहित राष्ट्र ने आज अपने छह दशक लंबे अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और उपलब्धि देखी। हम अपने वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष इंजीनियरों, शोधकर्ताओं और इस मिशन को भारत की जीत बनाने में शामिल सभी लोगों की उल्लेखनीय कड़ी मेहनत, अद्वितीय सरलता और दृढ़ समर्पण के प्रति गहराई से आभारी हैं। 2008 में, जब चंद्रयान-1 मिशन, मून इम्पैक्ट प्रोब (एमआईपी), भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लेकर चंद्रमा पर उतरा, तो हम चंद्रमा की सतह पर एक वैज्ञानिक उपकरण उतारने वाले चौथे देश बन गए। आज चंद्रयान-3 के माध्यम से हमने दुनिया के सामने अपनी वैज्ञानिक क्षमता का परिचय दिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी चंद्रयान3 की सफल लैंडिंग पर इसरो के वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट में कहा आज की अग्रणी उपलब्धि के लिए टीम इसरो को बधाई। चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान3 की सॉफ्ट लैंडिंग हमारे वैज्ञानिक समुदाय की दशकों की जबरदस्त प्रतिभा और कड़ी मेहनत का परिणाम है। 1962 के बाद से, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम नई ऊंचाइयों को छू रहा है और युवा सपने देखने वालों की पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी चंद्रयान3 की सफल लैंडिंग पर खुशी जताते हुए कहा है कि 1962 में शुरू हुए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने आज चंद्रयान 3 के रूप में एक नई ऊंचाई तय की। पूरा देश आज भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की इस गौरवशाली यात्रा पर गर्व महसूस कर रहा है। सभी देशवासियों के लिए खुशी का क्षण है। सभी वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं। जय हिन्द। जय भारत