नई दिल्ली: राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) जैसी लोकप्रिय स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में पैसे जमा करने के मामले में पश्चिम बंगाल देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे आगे है. राज्य के लोगों ने इन छोटी बचत योजनाओं में करीब 90 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो देश भर के निवेश का 15 फीसदी है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च को इन योजनाओं पर ब्याज दरों को घटा दिया था लेकिन 24 घंटों के अंदर ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे चूक मानते हुए फैसला वापस ले लिया था. विपक्षी राजनीतिक दलों ने सरकार के इस यू टर्न को बंगाल चुनाव से जोड़ते हुए इसे मोदी सरकार की मजबूरी बताया था।
उत्तर प्रदेश दुसरे नंबर पर
देश भर में स्मॉल सेविंग्स में हिस्सेदारी के लिहाज से उत्तर प्रदेश का नंबर पश्चिम बंगाल के बाद दूसरे स्थान पर है. इस समय देश के पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक चर्चा पश्चिम बंगाल की ही हो रही है. इन चुनावों के दौरान ही कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज दरों में कटौती का एलान किया था, लेकिन अगले ही दिन सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया.
लाखों करोड़ का निवेश
पूरे देश की बात करें तो 2017-18 तक इसमें 5.96 लाख करोड़ रुपये निवेश हुए हैं. यह आंकड़ा वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल सेविंग्स इंस्टीट्यूट द्वारा कलेक्टेड डेटा पर आधारित है. इसमें सिर्फ निवेश का आंकड़ा शामिल है, रिडेंप्शन का नहीं. उत्तर प्रदेश के बाद इस सूची में महाराष्ट्र और गुजरात का क्रम आता है.
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