लखनऊ:
असंगठित मजदूरों के साझा मंच की तरफ से आज लखनऊ में केकेसी से उपश्रम आयुक्त कार्यालय विशाल जुलूस निकाला गया और डीएलसी को ज्ञापन दिया गया। जुलूस में निर्माण, घरेलू कामगार, कुली, बेकरी के मजदूर बड़ी संख्या में शामिल थे। वक्ताओं ने श्रम मंत्री द्वारा कल विधान परिषद में 6 महीने में वेज बोर्ड बनाने के प्रस्ताव पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पहले से ही 2019 से उत्तर प्रदेश में न्यूनतम वेतन का वेज रिवीजन लंबित पड़ा हुआ है। ऐसे में 6 महीने का और समय लेना मजदूरों के साथ अन्याय है। सरकार को तत्काल में वेज रिवीजन करना चाहिए और न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि करनी चाहिए।

मजदूरों ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा कानून 2008 के तहत योजनाओं का लाभ दिया जाना चाहिए। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का वेतन, पेंशन, आवास, बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। घरेलू कामगारों के लिए कानून बनाकर बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए। राजस्थान सरकार की तरह उत्तर प्रदेश में प्लेटफार्म वर्कर के लिए कानून का निर्माण किया जाना चाहिए। रेलवे द्वारा कुलियों की घोषित की गई सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। निर्माण मजदूरों की योजनाओं को बंद किया गया है उन्हें फिर से चालू कर निर्माण मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिया जाना चाहिए। यदि इन सवालों पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा और एक बड़े आंदोलन को खड़ा किया जाएगा। रैली और जुलूस का नेतृत्व साझा मंच के कोऑर्डिनेटर चंद्रशेखर, संयुक्त निर्माण मजदूर मोर्चा के प्रदेश कोऑर्डिनेटर प्रमोद पटेल, कुली यूनियन के अध्यक्ष राम सुरेश यादव, नौमी राम, सीमा रावत, ललिता राजपूत, किरन, जलील ने किया।