इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की एक प्रमुख फ्रैंचाइजी ने सोमवार शाम को अन्य सातों फ्रैंचाइजीस को फोन करके सूचित किया कि वीवो इंडिया ने कम से कम इस साल के लिए टूर्नामेंट के टाइटल स्पॉन्सरशिप (title sponsorship) से पीछे हटने का फैसला किया है। बीसीसीआई और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल (IPL GC)को चीनी कंपनी के साथ करार नहीं तोड़ने का फैसला लेने के लिए देश भर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

चीनी कंपनी वीवो इस लीग की टाइटल स्पॉन्सर है। गालवान घाटी की घटना के बाद से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर वीवो से करार तोड़ने का दबाव पड़ रहा था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने भी इसका विरोध किया। उसने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र भेजकर बीसीसीआई को इस आयोजन के लिए मंजूरी नहीं देने की मांग की है। बता दें कि कैट 10 जून के बाद से ही देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर अभियान चला रहा है। उसके इस अभियान को देश भर में काफी समर्थन भी मिल रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, वीवो (VIVO) इस साल आईपीएल (IPL) के टाइटल स्पॉन्सरशिप से पीछे हट रहा है। अगर ऐसा होता है तो बीसीसीआई के लिए सही रिप्लेसमेंट (उपयुक्त प्रतिस्थापन) ढूंढना बड़ा सिरदर्द होगा। वह भी ऐसे समय जब कोविड-19 के कारण बाजार में पहले से ही मंदी छाई है।

खबर के मुताबिक, वीवो इंडिया 2021 में वापसी करेगी और 2023 तक आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर रहकर अपना कॉन्ट्रैक्ट पूरा करेगी। वीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल के प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे।