स्पोर्ट्स डेस्क
विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा को सफ़ेद गेंद क्रिकेट का कप्तान बनाये जाने पूर्व चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर ने अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा यह ठीक है, लेकिन भारतीय बोर्ड को कुछ ऐसे युवा खिलाड़ियों को भी तैयार करना चाहिए, जो भविष्य में सीनियर्स के रिटायर होने पर टीम की कमान संभाल सकें. इसी दौरान वेंगसरकर ने कहा कि बगैर तैयार किए आप युवाओं को समंदर में नहीं फेंक सकते. उन पर ध्यान देना होगा.

दिलीप वेंगसरकर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि सेलेक्टर्स का काम होता है, युवाओं को तैयार करना. बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत करना और टीम में काफी युवा खिलाड़ियों के विकल्प तैयार करना. इससे यह होगा कि जब कोई सीनियर खिलाड़ी रिटायर होगा, तो टीम को कोई दिक्कत नहीं होगी. यदि एक बार हालात आपके हाथ से बेकाबू हो गए, तो बहुत मुश्किलें आ जाएंगी. वेस्टइंडीज को ही देख लीजिए. इस टीम ने 15 साल क्रिकेट पर राज किया और नंबर-1 रहे. अब यह टीम बहुत नीचे (8वें नंबर) है.

पूर्व चीफ सेलेक्टर वेंगसरकर ने कहा कि मेरे कार्यकाल में हमने अनिल कुंबले को टीम की कप्तानी सौंपी थी. इसी दौरान हमने महेंद्र सिंह धोनी और बाकी खिलाड़ियों को कप्तानी के लिए तैयार कर लिया था. हमने तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा को भी तैयार किया था. उन्हें इंग्लैंड दौरे पर भेजा, लेकिन वहां उन्हें मौका नहीं मिला. हालांकि हमें यकीन था कि ईशांत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर शानदार प्रदर्शन करेंगे.

युवा खिलाड़ियों को तैयार करना भी सेलेक्शन कमेटी का ही काम होता है. आप युवा खिलाड़ियों को गहरे समंदर में फेंककर उनसे खुद तैरने की उम्मीद नहीं कर सकते. मैं इस तरह की सोच में विश्वास नहीं रखता.