नई दिल्ली: एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं तो ऐसे में तमिलनाडु सरकार तूतीकोरिन स्थित वेदांता के प्लांट का अधिग्रहण कर वहां ऑक्सीजन क्यों नहीं बना रही है.

वेदांता प्लांट का अधिग्रहण क्यों नहीं कर रही सरकार
कोरोना मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन शॉर्टेज को लेकर आज 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु सरकार पर सख्त हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं तो ऐसे में तमिलनाडु सरकार तूतीकोरिन में स्थित वेदांता के स्टरलाइट कॉपर यूनिट का अधिग्रहण कर वहां ऑक्सीजन क्यों नहीं बना रही है. इस प्लांट में प्रदूषण से जुड़ी चिंताओं को लेकर मई 2018 से ताला लगा हुआ है.

प्लांट को वेदांता चलाए या कोई और, मतलब ऑक्सीजन से है
चीफ जस्टिस एसए बोबडे के नेतृ्त्व में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि इस प्लांट को वेदांता चलाए या कोई और, इससे उसे कोई मतलब नहीं है, उसे सिर्फ इस बात से मतलब है कि ऑक्सीजन का प्रोडक्शन होना चाहिए. जस्टिस एलएनराव और जस्टिस एसआर भाट ने कहा कि इस मामले में किसी को ठोस जवाब देना होगा क्योंकि लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं.

फ्री ऑक्सीजन सप्लाई का वादा
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वेदांता की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बातें कहीं. वेदांता ने कोर्ट में याचिका दायर कर तूतीकोरिन स्थित अपने स्टरलाइट कॉपर यूनिट को इस आधार पर खोलने की मंजूरी मांगी है कि वह यहां हजारों टन ऑक्सीजन बना सकती है और इसे मरीजों के इलाज के लिए फ्री में उपलब्ध करा सकती है. वेदांता की याचिका की सुनवाई को मंजूरी देते समय सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोरोना महामारी को नेशनल इमरजेंसी की स्थिति बताया था.

लॉ एंड ऑर्डर से जोड़ा मामला
तमिलनाडु सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन ने इस मसले को लॉ एंड ऑर्डर से जोड़ा है और कहा कि डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर आज सुबह वहां लोगों से बातचीत करने गए थे. वैद्यनाथन के मुताबिक वहां पूरी तरह से लैक ऑफ कांफिडेंस की स्थिति है क्योंकि यहां पहले एक गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल यानी 22 अप्रैल को आपने लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति के बारे में नहीं बताया था. इस पर वैद्यनाथन ने कहा कि वह इसे लेकर एक एफिडेविट फाइल करेंगे.