नई दिल्ली: उत्तराखंड में सात फरवरी को ग्लेशियर फटने से आई आपदा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 67 हो गई, एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना स्थल से शनिवार को पांच और शव बरामद किए गए. यह जानकारी देते हुए एनडीआरएफ के कमांडेंट पी के तिवारी ने बताया कि शनिवार को तपोवन परियोजना बैराज के पास गाद निकालने वाले टैंक से ये शव बरामद किए गए. चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी पर ग्लेशियर के फटने से हुए हिमस्खलन और भारी बाढ़ की चपेट में आने से कई लोग लापता हो गए थे. 13 दिनों से अधिक समय से परियोजना स्थल पर तलाशी अभियान युद्ध स्तर पर जारी है.
ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह से ध्वस्त
हिमस्खलन में 13.2 मेगावाट की ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना पूरी तरह से ध्वस्त हो गई, जबकि तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना को व्यापक क्षति हुई. पांच और शवों की बरामदगी के साथ, त्रासदी में मरने वालों की संख्या 67 हो गई है, जबकि 137 लोग अभी भी लापता हैं.
नदी के रास्ते को मोड़ने के निर्देश
वहीँ चमोली के जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया ने शनिवार को एनटीपीसी को परियोजना स्थल पर चल रहे अभियान में अतिरिक्त उपकरणों को लगाने और धौलीगंगा नदी के रास्ते को दूसरी तरफ मोड़ने के लिए कहा, ताकि उसका पानी बैराज से तपोवन सुरंग में न बहने पाए, जिससे कीचड़ साफ करने के प्रयासों में बाधा आ सकती है.
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