सूर्यशक्ति का सन्देश, सूरज से समृद्ध बने उत्तर प्रदेश
- ललित कला अकादमी अध्यक्ष ने किया सूर्यशक्ति का अनावरण, अकादमी को भी जल्द बनायेंगे सोलर आधारित
- लखनऊ को सोलर सिटी योजना में शामिल करने कलाकारों का अनूठा प्रयास, वायु प्रदूषण में आयेगी कमी,
- ऊर्जा आत्मनिर्भरता से खुलेगी स्वच्छ पर्यावरण और तरक्की की राह, कला के माध्यम से सौर ऊर्जा के फायदे गिनाये
लखनऊ ब्यूरो
अलीगंज, लखनऊ स्थित कला स्त्रोत प्रदर्शनी स्थल पर क्लाइमेट एजेंडा द्वारा सूरज से समृद्ध उत्तर प्रदेश अभियान के अंतर्गत एक कलात्मक प्रतिमा “सूर्यशक्ति’’ का अनावरण किया गया. उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी अध्यक्ष सीताराम कश्यप द्वारा अनावरण किये गए सुर्यशक्ति प्रतिमा का सन्देश लखनऊ समेत समस्त उत्तर प्रदेश को सौर ऊर्जा से रौशन करना और समृद्ध बनाना है.
इस अवसर पर आयोजित विमर्श में सीताराम कश्यप के अलावा जाने माने इतिहासकार एवं संस्कृति के विशेसग्य रवि भट्ट, ललित कला अकादमी के सदस्य अमित सिंह और क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर शामिल हुईं.
अनावरण कार्यक्रम में सीताराम कश्यप ने कहा, कला आम लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का एक बड़ा माध्यम है. जन सरोकार की बात सरकार तक पंहुचा सकने में भी कला एक अहम् भूमिका निभाती है. सूरज से समृद्ध अभियान ने कलात्मक प्रयोगों के जरिये ऐसा करने की कोशिश की है, यह प्रशंसनीय है.”
सौर ऊर्जा के महत्व को रेखांकित करते हुए सीताराम कश्यप ने आगे कहा, सौर ऊर्जा किफायती, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत है. हमें इसे अपना कर अपना लखनऊ ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश को स्वच्छ और समृद्ध बनाने की जरुरत है.”
उन्होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही लखनऊ स्थित अकादमी परिसर को भी सौर ऊर्जा से लैस किया जाएगा.
इस अवसर पर जाने माने इतिहासकार और संस्कृति विशेषग्य रवि भट्ट ने कहा, राज्य सरकार द्वारा सोलर सिटी कार्यक्रम के लिए चुने गए 5 सासंकृतिक शहरों की सूचि में लखनऊ का नाम नहीं होना निराशाजनक है. यह शहर अवध की हज़ारों साल पुरानी सभ्यता संस्कति को आज भी अपनी भाषा, खानपान, पहनावा, तहजीब आदि में ज़िंदा रखे हुए है.
1857 से लेकर भारत के आजाद होने तक स्वतन्त्रता संग्राम में अवध की कुर्बानियों के प्रमाण आज भी इस शहर में मौजूद हैं. साहित्य के क्षेत्र में उर्दू, अवधी, हिन्दी समेत अनेक भाषाओं में लिखी गयीं किताबें और काव्य भारतीय साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं. ताज नगरी आगरा भी इस सूची से बाहर है, जो कि आश्चर्य पैदा करता है.”

रवि भट्ट ने राज्य सरकार से यह आग्रह किया कि सोलर सिटी कार्यक्रम की घोषणा के एक साल बाद आज इसमें लखनऊ, आगरा जैसे संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक प्रतीक चिन्हों को भी सोलर सिटी सूची में शामिल करने की घोषणा की जानी चाहिए.
अभियान के बारे में बताते हुए क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर ने कहा, सूरज से समृद्ध अभियान राज्य सरकार और आम जनता को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि सूरज केवल प्राकृतिक रौशनी ही नहीं, असीमित विद्युत् ऊर्जा के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक आत्मनिर्भरता एवं तरक्की का स्रोत भी है.
एक शेर के रूप में सूर्यशक्ति हमें यह बताता है कि बदलती हुई दुनिया में आज ऊर्जा समाज की शक्ति का प्रतीक है, और वही समाज अपने आप को शक्तिशाली कह सकता है जो अपने नागरिकों को सस्ती कीमत पर निर्बाध ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित कर सके. सौर ऊर्जा इसके लिए सबसे मुफीद विकल्प है.










