रोम: कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरू पोप फ़्रांसिस का कहना है कि संसार के देश अपने सैन्य बजट पर जो राशि ख़र्च करते हैं उसका प्रयोग उनको कोरोना महामारी से मुक़ाबले में करना चाहिए।

तीन महीनों के बाद पहली बार शनिवार को एक धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए पोप फ़्रांसिस का कहना था कि हमें इस समय वंचितों की सहायता करनी चाहिए। उन्होंने विश्व के नेताओं का आह्वान किया है कि वे कोरोना से मुक़ाबले के लिए आवश्यक आर्थिक एवं सामाजिक रास्ते ढूंढें।

इससे पहले भी वे कोरोना के उपचार के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर वैकसिन बनने का अनुरोध कर चुके हैं। पिछले तीन महीनों से पोप फ़्रांसिस वीडियो कांफ़्रेंसिंग के माध्यम से लोगों को संबोधित कर रहे थे किंतु शनिवार को उन्होंने लंबे समय के बाद पहली बार सार्वजनिक स्थल पर लोगों को संबोधित किया।

ज्ञात रहे कि इटली में कोरोना से 2 लाख 32 हज़ार से अधिक लोग प्रभावित हुए जबकि वहां पर कोरोना के कारण 33 हज़ार से अधिक लोगों की जान चली गई।