नई दिल्ली: वैक्सीन बनाने वाली कंपनी नोवावैक्स ने सोमवार को दावा किया है कि कोरोना के वैरिएंट्स के खिलाफ टीका 90 फीसदी से अधिक असरकारक है। यह बात अमेरिका और मेक्सिको में किए गए बड़े और आखिरी चरण के अध्ययन में सामने आई है।

पिछले साल अगस्त में अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ एक डील पर साइन किया था, जिसके तहत 200 करोड़ वैक्सीन की डोज तैयार की जानी थी।

नोवावैक्स टीके को लेकर यह आंकड़े उस समय सामने आए हैं, जब दुनिया में वैक्सीन की खपत लगातार बढ़ रही है। हालाँकि अमेरिका में कोविड-19 रोधी टीकों की मांग में कमी आई है। नोवावैक्स टीके को रखना और ले जाना आसान है। उम्मीद की जा रही है कि यह विकासशील देशों में टीके की आपूर्ति को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।

कंपनी की योजना सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों पर टीके के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने की है और तब तक वह एक महीने में 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने में सक्षम होगी। कंपनी ने कहा, “हमारी शुरूआती कई खुराकें निम्न और मध्य आय वाले देशों में जाएंगी।”

‘आवर वर्ल्ड इन डेटा’ के मुताबिक, अमेरिका की आधी से ज्यादा आबादी कोविड-19 रोधी टीके की कम से कम एक खुराक ले चुकी है, जबकि विकासशील देशों में एक फीसदी से भी कम लोगों ने टीके की एक खुराक ली है।

अध्ययन में अमेरिका और मेक्सिको में 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के करीब 30,000 लोग शामिल थे। इनमें से दो तिहाई को तीन हफ्तों के अंतराल पर टीके की दो खुराकें दी गईं जबकि बाकी को अप्रभावी (डमी) टीका दिया गया। . नोवावैक्स प्रायोगशाला में बनाए गए उस प्रोटीन की प्रतियों से तैयार की गई है और यह अभी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे कुछ अन्य टीकों से अलग है।