• यूपीओए के साथ काम करेगा केजीएमयू स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट
  • उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों के बीच जनजागरण का कार्य करेगी आइकोनिक ओलंपिक गेम्स अकादमी

लखनऊ: खिलाड़ी कड़ी मेहनत के बलबूते अपना परचम राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लहराता है। इसी के साथ खेल के दौरान चोटे भी लगती रहती है जिसके चलते कई बार लगी असमय चोटों से खिलाड़ियों का कॅरियर प्रभावित हो जाता है। इस बारे में जागरूकता लाने के लिए उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) अब केजीएमयू के स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट के साथ काम करेगा ताकि खिलाड़ियों को चोटों से उबरने में मदद मिले और उनका रिहैबिलेशन उचित तरीके से हो सके।

इस दिशा में आज आयोजित एक प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डा.आनन्देश्वर पाण्डेय ने बताया कि केजीएमयू की ये पहल सराहनीय है और हम इस पहल को प्रमोट कर रहे है ताकि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी जानकारी से लाभान्वित हो सके। उन्होंने ये भी कहा कि अगर किसी खिलाड़ी के इलाज में अगर सरकारी सहायता के पात्र नहीं है तो तो यूपीओए उसके इलाज का पूरा खर्च वहन करेगा। उन्होंने कहा कि इससे चोटों से उनके कॅरियर पर पड़ रहे प्रभाव को कम किया जा सकेगा और वो पूरी तन्मयता से प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के ऐसे खिलाड़ी जो चोटिल हो जाते है, उन्हें हर तरह के इलाज के साथ रिहैबिलेशन में भी लखनऊ में केजीएमयू में ही मिल जाएगी जहां एक ऐसा डिपार्टमेंट बना है जो सिर्फ खिलाड़ियों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी यूपीओए, संबंधित खेल संघ, कोचेज की रिकमंडेशन से यहां इलाज करा सकते है।

इस अवसर पर केजीएमयू के स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र सरकार की पहल के तहत देश भर में ऐसे पांच सेंटर बन रहे है जिसमें से एक केजीएमयू में बनाया गया है। इसके तहत केजीएमयू में स्पोर्ट्स मेडिसिनडिपार्टमेंट सेंटर की शुरुआत 2017 में हुई थी और तब से ये चोटिल खिलाडि़यों के इलाज के साथ उनकी खेल के मैदान में वापसी में भी पूरी मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां स्पोर्ट्स रिलेटेड इंजरी का हर तरह का ट्रीटमेंट होता है। हमारे यहां चोटों का आर्थोस्कोपी व दूरबीन विधि से ट्रीटमेंट होता है।

यहां खिलाडि़यों के इलाज के साथ चोट का आपरेशन के साथ सप्ताह में दो दिन सोमवार व गुरूवार को ओपीडी का भी संचालन किया जा रहा है। इसके साथ यहां 30 बेड का इंडोर वार्ड भी है। जल्द ही हमारे यहां चार नियुक्ति और हो जाएंगी ओर हम इलाज में बेहतर सुविधा देंगे। उन्होंने कहा कि यहां इलाज के लिए आने वालों को सरकारी नीतियों के अनुसार भुगतान करना होता है। इसके साथ ही हम वर्ल्ड क्लास आपरेशन की सुविधा, सर्जरी, प्लास्टर के साथ ट्रेनिंग के लिए मशीनों के साथ यहां एक ह्यूमन परफारर्मेंस लैब भी बनी है, जहां खिलाड़ियों की क्षमता के मूल्यांकन के साथ उनके ट्रेनिंग के बेहतर तरीके का भी आंकलन हो सकेगा। इसके साथ ही साइकोलॉजी, फिजियोलाजी, एसपीएम के साथ डाइट प्लान तय करने के लिए डायटिशियन की भी सुविधा मिलेगी।

इस अवसर पर डा.सैयद रफत रिजवी (संस्थापक व प्रबंध निदेशक, आइकोनिक ओलंपिक गेम्स अकादमी) ने जानकारी दी कि हमारे खिलाड़ी जागरूकता की कमी के चलते भी प्रभावित होते है। खेल के दौरान लगने वाली चोटों से कई खिलाड़ियों का कॅरियर भी खतरे में पड़ जाता है। अभी हमारे यहां के खिलाडि़यों को इलाज के लिए दिल्ली व अन्य बड़े राज्यों का रूख करना पड़ता है।

हालांकि अब खुशी की बात है कि केजीएमयू के स्पोर्ट्स मेडिसिन डिपार्टमेंट में चोटिल खिलाडि़यों का इलाज व पुर्नवास रियायती दरों पर हो जाएगा जिसके लिए उन्हें अब तक महंगी फीस देनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में जागरूकता लाने के लिए आइकोनिक ओलंपिक गेम्स अकादमी, स्पोर्ट्स जोन मासिक खेल पत्रिका, वेब न्यूज पोर्टल व यूट्यूब चैनल के जरिए सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में खिलाड़ियों के बीच जनजागरण का कार्य करेगी।

इस अवसर पर हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष विनय सिंह, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी जितेंद्र यादव और जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव बीआर वरूण भी मौजूद थे।