लखनऊ:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति की ओर से आयोजित ‘बदलता परिदृश्य और पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि बदले परिदृश्य में जो प्रयास हुए हैं, उसका परिणाम सामने है। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। भारत दुनिया के उन महत्वपूर्ण 20 देशों (जी-20) का नेतृत्व कर रहा है जो दुनिया की 85 प्रतिशत जी0डी0पी0, 75 प्रतिशत व्यापार, 60 प्रतिशत आबादी व 90 प्रतिशत पेटेंट पर आधिपत्य रखते हैं। जी-20 का नेतृत्व देश के लिए एक अवसर है। उत्तर प्रदेश में भी इससे जुड़े ग्यारह आयोजन किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत के कोविड प्रबंधन ने नागरिकों के अनुशासन व नेतृत्व के प्रति निष्ठा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश की 140 करोड़ आबादी ने लॉकडाउन के पालन एवं अन्य अभियान से जुड़कर कार्य किया। कोरोना महामारी के दौरान देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश को लेकर लोगों के मन में शंकाएं थीं। उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ अपने राज्य के प्रवासी कामगारों, बल्कि अन्य राज्यों से प्रदेश में आए लोगों के प्रति भी मानवीय संवेदना का भाव रखते हुए सेवा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए यह आवश्यक है कि उत्तर प्रदेश विकास की दौड़ में आगे रहे। विगत साढ़े पांच-छह सालों से बदलते उत्तर प्रदेश को सभी देख रहे हैं। विकास के बदलते परिदृश्य में उत्तर प्रदेश अपनी आभा बिखेर रहा है। राज्य में विकास की अकूत संभावनाएं हैं। हमारे पास सबसे उर्वरा भूमि और सबसे अच्छा जल संसाधन है। यदि हम सकारात्मक सोच से ईमानदारीपूर्वक प्रयास करेंगे तो उसके सकारात्मक परिणाम ही आएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस के कारण 40 वर्षों में 50,000 बच्चों की मृत्यु हुई। इलाज का एकमात्र केंद्र बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज था। विगत 05 सालों में बेहतर प्रबंधन, समन्वय व टीमवर्क से इंसेफेलाइटिस पर 95 फीसदी नियंत्रण पा लिया गया है। अगले कुछ सालों में इस पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर लिया जाएगा। इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन जापान में वर्ष 1905 में ही बन गई थी, लेकिन उसे भारत आने में 100 साल लग गए, जबकि नई बीमारी होने के बावजूद कोविड-19 के लिए दो सर्वश्रेष्ठ वैक्सीन मात्र नौ माह में तैयार कर ली गयी ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत पांच-छह सालों में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां पूरी दुनिया के लिए कौतूहल हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश को 2.61 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला था। ढाई साल में सिर्फ 43 लाख शौचालय बन पाए थे। वर्ष 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद नियोजित प्रयास से तय समय-सीमा से पहले ही सम्पूर्ण लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया। तीसरी दुनिया के देशों के सम्मेलन में जब देश के उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश में 2.61 करोड़ शौचालय बनने की घोषणा की तो पूरी दुनिया अचंभित थी। उत्तर प्रदेश ने साढ़े पांच सालों में गरीबों के लिए 45 लाख आवास भी बना दिए हैं।