टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च यानी कल 9 जिलों की 54 सीटों पर होगा। इस चरण में करीब 2.06 करोड़ मतदाता कुल 613 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इस चरण में प्रधानमंत्री मोदी का गढ़ वाराणसी भी आता है जहाँ उन्होंने तीन दिन रूककर अपने पक्ष में महल बनाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया।

इन सीटों में 11 अनुसूचित और दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला के अनुसार 7वें चरण में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।

अंतिम चरण में जिन 9 जिलों में मतदान होना है उनमें आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही और सोनभद्र शामिल हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो इन 54 सीटों में से बीजेपी ने 29, सपा ने 11, बीएसपी ने 6, अपना दल (एस) ने 4, सुभासपा ने 3 और निषाद पार्टी ने 1 सीट जीती थी।

वाराणसी के अलावा इस चरण में योगी सरकार के सात मंत्रियों की साख दांव पर है। इनमें एक कैबिनेट, दो राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और तीन राज्य मंत्री स्तर के हैं। तीन मौजूदा मंत्री तो वाराणसी की विभिन्न सीटों पर दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री गिरीश यादव जौनपुर, ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल मीर्जापुर की मड़िहान सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सपा में शामिल हुए योगी सरकार के पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान मऊ की घोसी सीट से सपा प्रत्याशी हैं।

यूपी चुनाव का सातवां और अंतिम चरण दोनों गठबंधन के सहयोगी दलों के लिए एक कड़ी परीक्षा होगा। बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद से लेकर सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में ओम प्रकाश राजभर जैसे नेता शामिल हैं। बीजेपी ने 54 सीटों में से अपने चुनाव चिह्न् पर 48 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी ने 3-3 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने अपने चुनाव चिह्न् पर 45 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि उसकी सहयोगी एसबीएसपी ने सात उम्मीदवार और अपना दल (के) ने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।