टीम इंस्टेंटखबर
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार आज समाप्त हो गया। पहले चरण में प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीट पर 10 फरवरी को मतदान होगा।

इस चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, हापुड़, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा तथा आगरा जिलों की विभिन्न सीट के लिए मतदान होगा। इस दौरान करीब दो करोड़ 27 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।

पिछली बार बीजेपी को 58 में से 53 सीटें मिली थीं, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो सीटें मिली थीं और एक सीट राष्ट्रीय लोक दल को मिली थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के चुनाव अभियान की अगुवाई करते हुए प्रदेश की ‘‘डबल इंजन सरकार’’ की उपलब्धियों का विस्तार से जिक्र किया और इस दौरान सपा-रालोद का गठबंधन उनके मुख्य निशाने पर रहा। पहले चरण के चुनाव प्रचार के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना से पलायन का मुद्दा भी हावी रहा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इस दौरान उन्होंने मथुरा में घर-घर जाकर प्रचार भी किया। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की अगुवाई में गठबंधन ने भी जमकर प्रचार किया। इस दौरान अखिलेश और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कई स्थानों पर संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन किए।

समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) का चुनाव प्रचार मुख्यतः किसानों के मुद्दों के इर्द-गिर्द रहा और वे सत्तारूढ़ भाजपा पर लगातार झूठ बोलने का आरोप लगाते रहे। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने आगरा में रैली की और विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ विपक्षी दलों पर भी हमला किया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी पहले चरण में मतदान वाले विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया और घर-घर जाकर वोट मांगे।