नई दिल्ली: इस दशक का पहला आम बजट सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आजा यानी एक फरवरी को पेश किया गया। बजट 2020-21 को पेश करते हुए वित्त मंत्री कई बड़े ऐलान किए। एक तरफ हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 64,180 करोड़ रूपए का ऐलान किया। वहीं, अब कई सरकारी क्षेत्र में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है। दो बैंकों का भी निजीकरण करने का प्रस्ताव मोदी सरकार ने रखा है। वहीं, बीमा कंपनी की हिस्सेदारी भी सरकार बेचने जा रही है। इसको लेकर अब राजनीतिक बहस तेज हो गई है।

कांग्रेस सरीखे अन्य विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार अर्थव्यवस्था को गति देने के बदले सार्वजनिक संपत्ति को बेचने जा रही है। इससे आम लोगों को नुकसान होगा। सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के बावजूद वो रणनीतिक विनिवेश की दिशा में काम कर रही है।

जानिये किन-किन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने जा रही है…

बीपीसीएल

एयर इंडिया

शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया

कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया

आईडीबीआई बैंक

बीईएमएल

पवन हंस

नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड

दो अन्य बैंकों और जनरल बीमा कंपनी का भी निजीकरण करने का प्रस्ताव

एलआईसी का 2021-22 मेंआईपीओ लाया जाएगा