टीम इंस्टेंटखबर
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने गुरुवार को आगाह किया कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध से दुनिया के ज्यादातर देशों की आर्थिक संभावनाएं कमजोर पड़ रही हैं. और महंगाई की ऊंची दर वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए साफ तौर पर खतरा है.

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले की वजह से 186 देशों की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है. युद्ध ने ऊर्जा और अनाज के वैश्विक व्यापार को बाधित किया है. अफ्रीका और पश्चिम एशिया में खाने के सामान की कमी का खतरा है. उन्होंने वाशिंगटन में आईएमएफ और विश्व बैंक की अगले हफ्ते होने वाली बैठकों से पहले यह बात कही है.

जॉर्जिवा ने कहा कि 2020 की महामारी की वजह से पैदा हुई मंदी से अर्थव्यवस्थाओं में अप्रत्याशित रूप से मजबूत रिकवरी हुई है. इसने कंपनियों को अचंभित किया है और वे मजबूत ग्राहक मांग को पूरा करने में असमर्थ रहीं, जिससे कीमतें बढ़ी हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुद्रास्फीति वैश्विक पुनरुद्धार के लिए एक बड़ा झटका है. उनके मुताबिक, ऊंची महंगाई को देखते हुए विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं.

जॉर्जिवा ने विश्व अर्थव्यवस्था के भू-राजनीतिक खंडों में बंटने को लेकर चेतावनी भी दी. एक तरफ जहां पश्चिमी देश रूस पर दूरगामी प्रभाव वाले प्रतिबंध लगा रहे हैं. वहीं, चीन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले के कदम का समर्थन किया है. आईएमएफ प्रमुख ने कहा कि वैश्विक सहयोग टूटने से सामूहिक रूप से समृद्ध होने के जोखिम से इनकार नहीं किया जा सकता है.